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Delhi Riot: पुलिस से सही जवाब न मिलने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी, 4 जुलाई को होगी मामले में अगली सुनवाई

उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में गद्दे की दुकान समेत अन्य संपत्तियों में आग लगाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने पुलिस से सही जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने डीसीपी उत्तर पूर्वी को निर्देश दिया है कि वह सही जवाब दाखिल कराना सुनिश्चित करें।

By Ashish GuptaEdited By: Shyamji TiwariPublished: Wed, 31 May 2023 09:08 PM (IST)Updated: Wed, 31 May 2023 09:08 PM (IST)
Delhi Riot: पुलिस से सही जवाब न मिलने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी, 4 जुलाई को होगी मामले में अगली सुनवाई
Delhi Riot: पुलिस से सही जवाब न मिलने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी

पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में गद्दे की दुकान समेत अन्य संपत्तियों में आग लगाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने पुलिस से सही जवाब न मिलने पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने पुलिस से घटनाओं का सही दिन, समय और अन्य तथ्यों के बारे में पूछा था। पुलिस ने जो जवाब दाखिल किया, उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं हुई।

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इसपर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने कहा कि पर्याप्त समय देने के बावजूद अभियाेजन सही उत्तर और साक्ष्यों के सही विवरण के साथ पेश नहीं हुआ। यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। इसपर अभियोजन ने आखिरी मौका देने की गुजारिश की और कोर्ट ने समय दे दिया। इस मामले में अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। कोर्ट ने डीसीपी उत्तर पूर्वी को निर्देश दिया है कि वह सही जवाब दाखिल कराना सुनिश्चित करें।

नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लेकर फरवरी 2020 में दंगे हुए थे। उस दौरान दयालपुर थाना क्षेत्र में मुख्य करावल नगर रोड स्थित मूंगा नगर में एक गद्दे की दुकान जला दी गई थी। पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि 23 फरवरी 2020 की रात वह दुकान बंद करके गए थे।

24 फरवरी 2020 को दोपहर तीन बजे उनके किसी ने फोन कर सूचना दी कि उनकी दुकान का शटर दंगाइयों ने तोड़ दिया है और लूटपाट के बाद दुकान में आग लगा दी गई है। इस घटना की प्राथमिकी में संपत्तियों में आगजनी की दो अन्य शिकायतें जोड़ दी गई थीं। इस मामले में पुलिस ने दंगे के मुख्य आरोपित एवं आप के पार्षद रहे ताहिर हुसैन समेत 13 लोगों को आरोपित बनाया था।

इसमें सिर्फ ताहिर हुसैन न्यायिक हिरासत में हैं। बाकी आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। इसमें अभी आरोप तय नहीं हुए हैं। आरोपों के बिंदुओं पर ही बहस के दौरान गत 20 मार्च को कोर्ट ने आदेश में कहा था कि अभियाेजन घटनाओं का सही दिन, समय और अन्य तथ्य बताए। इस पर पुलिस की ओर से जवाब दाखिल किया गया था।


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