Delhi Riots: दिल्ली दंगे के दौरान मकानों को क्षतिग्रस्त करने के मामलों में 5 पर आरोप तय
उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में मकानों को क्षतिग्रस्त करने के दो मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट ने पांच लोगों पर आरोप तय कर दिए। दंगाइयों के हाथों में डंडे भी थे। कई अन्य लोगों के बयानों पर गौर किया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में मकानों को क्षतिग्रस्त करने के दो मामलों में कड़कड़डूमा कोर्ट ने पांच लोगों पर आरोप तय कर दिए। मुख्य महानगर दंडाधिकारी शिरीष अग्रवाल के कोर्ट ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ प्रथम दृष्टया दंगा, हथियारों उपयोग, सरकारी आदेश की अवहेलना करने व संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप बनता है।
2020 में मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया
खजूरी खास थाना क्षेत्र में दंगाइयों ने 25 फरवरी 2020 को रविंद्र और गजराज सिंह के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया था। दंगाइयों ने पथराव करने के साथ तोड़फोड़ की थी। दोनों पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने अलग-अलग प्राथमिकी की थी। इनमें महबूब, मंजूर, मंसूर, नियाज और नफीस को आरोपित बनाया गया था।
आरोपों पर बहस के दौरान महबूब, मंजूर, मंसूर के वकील ने दलील दी कि शिकायतकर्ताओं का बयान सामान्य है। उसमें किसी की भूमिका स्पष्ट नहीं की गई है। उधर, नियाज और नफीस के वकील ने कहा कि एक समुदाय के लोगों ने उनके मुवक्किलों के घर जला दिए थे, जिस पर इन्होंने विधिक कार्रवाई शुरू की थी। इसलिए उनके मुवक्किलों को इस केस में गलत फंसाया जा रहा है।
हिंदुओं पर पथराव कर थे लोग
यह दावा भी किया कि पड़ोसी का सिलेंडर फटने की वजह से शिकायतकर्ता रविंद्र के मकान की दीवार को नुकसान पहुंचा। अभियोजन की तरफ से विशेष लोक अभियोजक नितिन कुमार शर्मा ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं। कोर्ट ने शिकायतकर्ताओं के बयानों पर गौर किया, जिसमें उन्होंने बताया था कि मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुओं के घरों पर पथराव कर रहे थे।
दंगाइयों के हाथों में डंडे भी थे। कई अन्य लोगों के बयानों पर गौर किया। सभी पक्षों को सुनने व बयानों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने महबूब, मंजूर, मंसूर, नियाज और नफीस के खिलाफ आरोप तय कर दिए।