Delhi Coronavirus: मानवता को संकट से उबारने के लिए राम नाम के साथ जनसेवा के मोर्चे पर विहिप
विहिप ने 13 अप्रैल से 27 अप्रैल तक रामोत्सव का आयोजन किया है। इसके तहत पांच लाख से अधिक गांवों में रामोत्सव के तहत खुशियां मनाने की तैयारी थी। पर देशभर में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए इस उत्सव का स्वरूप बदल दिया गया है।
नई दिल्ली [नेमिष हेमंत]। कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ता "रामोत्सव'' में राम का नाम लेकर जनसेवा के मोर्चे पर जुटे हुए हैं। दिल्ली समेत अन्य राज्यों में जरूरत के हिसाब से मदद पहुंचाई जा रही है। इसमें अस्पताल, श्मशान घाट से लेकर सेवा बस्तियां तक शामिल हैं। बता दें कि विहिप ने 13 अप्रैल से 27 अप्रैल तक रामोत्सव का आयोजन किया है। इसके तहत पांच लाख से अधिक गांवों में रामोत्सव के तहत खुशियां मनाने की तैयारी थी। पर देशभर में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति को देखते हुए इस उत्सव का स्वरूप बदल दिया गया है। कार्यकर्ताओं को कहा गया है कि वे जरूरत को देखते हुए समाज की सेवा करें।
मौजूदा स्थिति काफी विकट
विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि मौजूदा स्थिति काफी विकट है। मानवता संकट में है। ऐसे में कार्यकर्ताओं को राम का नाम लेते हुए जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए कहा गया है। कार्यकर्ता तन, मन, धन से इसमें जुट गए हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत अन्य ज्यादा प्रभावित राज्यों में कार्यकर्ता सक्रिय हैं। इसके तहत काेविड अस्पताल तक में कार्यकर्ता डाक्टर व पैरा स्टाफ की मदद कर रहे हैं।
शवों के अंतिम संस्कार में लगे
श्मशान घाट में कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार में लगे हुए हैं। इसी तरह प्रवासी कामगारों के लिए भोजन के पैकेट व पानी का प्रबंध किया जा रहा है। इसी तरह जगह-जगह कार्यकर्ताओं द्वारा कोरोना से मुक्ति के लिए यज्ञ भी कराए जा रहे हैं।
पांच हजार यूनिट खून इकट्ठा करने का लक्ष्य
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि इस हनुमान जयंती पर 27 अप्रैल को महाराष्ट्र में 38 स्थान पर विहिप व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पांच हजार यूनिट खून इकट्ठा करने का लक्ष्य रखा है। इस तरह के प्रयास अन्य राज्यों में भी हो रहे हैं।