Delhi Coronavirus : दिल्ली में कोरोना के खिलाफ जंग में बदली रणनीति, जानिए कैसे होगा फायदा
पिछले कुछ दिनों से आरटीपीसीआर जांच बढ़ती जा रही है। इसलिए मौजूदा समय में जितने लोगों की प्रतिदिन सैंपल जांच हो रही है उसमें आरटीपीसीआर जांच की भागीदारी बढ़ती जा रही और पहले की तुलना में आरटीपीसीआर जांच करीब 46 फीसद बढ़ी है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। रैपिड एंटीजन जांच पर उठ रहे सवालों के मद्देनजर दिल्ली में कोरोना के खिलाफ जंग में रणनीति में बदलाव दिख रही है। पिछले कुछ दिनों से आरटीपीसीआर जांच बढ़ती जा रही है। इसलिए मौजूदा समय में जितने लोगों की प्रतिदिन सैंपल जांच हो रही है उसमें आरटीपीसीआर जांच की भागीदारी बढ़ती जा रही और पहले की तुलना में आरटीपीसीआर जांच करीब 46 फीसद बढ़ी है। लेकिन, आरटीपीसीआर जांच बढ़ने के साथ ही एंटीजन जांच में कमी आती दिख रही है। इसका कारण है कि अब आरटीपसीआर जांच पर अधिक फोकस किया जा रहा है। अगले कुछ दिनों में आरटीपीसीआर जांच की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है और प्रतिदिन 35 हजार से अधिक सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की जा सकती है।
आरटीपीसीआर जांच बढ़ी, एंटीजन जांच में आई कमी
15 नवंबर के पहले एंटीजन जांच की तुलना में आरटीपीसीआर जांच बहुत कम हो रही थी। 11 नवंबर को दिल्ली में कोरोना के सबसे अधिक 8593 मामले आए थे। तब 64,121 सैंपल की जांच हुई थी। जिसमें से 30.10 फीसद सैंपल की ही आरटीपीसीआर जांच हुई थी। जबकि 69.9 फीसद सैंपल की एंटीजन जांच हुई थी। अब आरटीपीसीआर जांच की भागीदारी बढ़कर 45.67 फीसद पहुंच गई है। इस तरह पहले एक दिन में यदि 59,000 से अधिक सैंपल सैंपल की जांच होने पर उसमें से 40,000 से 45,000 सैंपल की एंटीजन जांच होती थी।
अब 45.67 फीसद से अधिक सैंपल की होने लगी है आरटीपीसीआर जांच
अब पिछले तीन दिन से लगातार 61 हजार से अधिक सैंपल की जांच हुई है। फिर भी पहले की तुलना में एंटीजन जांच घटी है। 26 नवंबर को कुल 63,266 सैंपल की जांच की गई थी। इसमें से 45.67 फीसद सैंपल की एंटीजन जांच की गई। 15 नवंबर से पहले सबसे ज्यादा आरटीपीसीआर जांच 12 नवंबर को हुई थी। तब 19,752 सैंपल की आरटीपीसीआर जांच की गई थी। 26 नवंबर को यह संख्या बढ़कर 29 हजार के करीब पहुंच गई है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली में कोरोना की रोकथाम के लिए आरटीपीसीआर व एंटीजन टेस्ट को मिलाकर प्रतिदिन एक लाख सैंपल जांच करने का फैसला हुआ था। इसके तहत आरटीपीसीआर जांच दोगुना बढ़ाने का लक्ष्य था। अभी तक यह लक्ष्य काफी दूर है।
आखिर क्यों बढ़ाई जा रही है आरटीपीसीआर जांच
एंटीजन जांच की रिपोर्ट 20 से 30 मिनट में आ जाती है लेकिन माना जा रहा है कि इस जांच में फाल्स निगेटिव रिपोर्ट अधिक आ रही है। इस वजह से काफी संख्या में संक्रमित मरीज छूट जाते हैं। इसका अंदाजा इस तरह से लगाया जा सकता है कि 8 नवंबर को जब दिल्ली में 50,754 सैंपल की जांच में संक्रमण दर 15.26 फीसद थी जब आरटीपीसीआर से संक्रमण दर 30 फीसद थी।
दिल्ली में पिछले दिन में जांच की स्थिति
26 नवंबर
कुल जांच- 63,266
आरटीपीसीआर- 28,897 (45.67 फीसद)
एंटीजन- 34,369 (54.33 फीसद)
मामले- 5475
25 नवंबर
कुल जांच- 61,778
आरटीपीसीआर- 26,698 (43.21 फीसद)
एंटीजन- 35,698 (55.79 फीसद)
मामले- 6224
24 नवंबर
कुल जांच- 61,381
आरटीपीसीआर- 24,602 (40.08 फीसद)
एंटीजन- 36,779 (59.92 फीसद)
मामले- 6224
15 नवंबर से पहले 59 हजार से अधिक सैंपल जांच होने पर आरटीपीसीआर व एंटीजन जांच की स्थिति
3 नवंबर
कुल जांच- 59,540
आरटीपीसीआर- 13,560 (22.77 फीसद)
एंटीजन- 45,980 (77.23 फीसद)
मामले- 6725
10 नवंबर
कुल जांच- 59,035
आरटीपीसीआर- 17,810 (30.16 फीसद)
एंटीजन- 41,225 (69.84 फीसद)
मामले- 7830
11 नवंबर
कुल जांच- 64,121
आरटीपीसीआर- 19,304 (30.10 फीसद)
एंटीजन- 44,817 (69.9 फीसद)
मामले- 8593
12 नवंबर
कुल जांच- 60,229
आरटीपीसीआर- 19,752 (32.79)
एंटीजन- 40,477 (67.21)
मामले- 7053
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