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..तो क्या खांसी बुखार जैसा सामान्य बीमारी बनकर रह जाएगा कोरोना, जानें क्या है विशेषज्ञ की राय

Expert Opinion on Coronavirus Disease डा. दरसवाल ने बताया कि कोरोना से भले ही बच्चे ज्यादा प्रभावित नहीं हुए लेकिन आने वाले समय में उन्हें भी टीकाकरण की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि स्कूल खुलने पर कुछ बच्चे संक्रमित हो सकते हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 07:37 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 12:23 PM (IST)
..तो क्या खांसी बुखार जैसा सामान्य बीमारी बनकर रह जाएगा कोरोना, जानें क्या है विशेषज्ञ की राय
टीका लगने के बाद संक्रमण होने पर भी बीमारी ज्यादा गंभीर नहीं होगी।

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। कोरोना का टीकाकरण हाल के दिनों में दिल्ली सहित पूरे देश भर में तेजी से बढ़ा है। बुजुर्गों में टीकाकरण को लेकर उत्साह भी देखा जा रहा है। इस पर विशेषज्ञ कहते हैं कि जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण के बाद कोरोना खांसी बुखार की तरह सामान्य बीमारी बनकर रह जाएगा। दिल्ली की पूर्व विशेष स्वास्थ्य सचिव डा. मृणालिनी दरसवाल ने कहा कि कोरोना को पूरी तरह खत्म होने में दो-तीन साल का समय लग सकता है लेकिन टीका लेने के बाद यदि संक्रमण होता भी है तब भी हालत ज्यादा खराब नहीं होगी। इसलिए टीका कोरोना के कारण होने वाली मौत को रोकने में बहुत हद तक अहम साबित होगा।

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डा. दरसवाल इन दिनों अमेरिका के हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना पर शोध कर रही हैं। उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि टीके से हर्ड इम्यूनिटी विकसित करने के लिए करीब 90 फीसद लोगों का टीकाकरण जरूरी है। भारत सहित दुनिया भर में मौजूद टीके औसतन 70 फीसद प्रभावी हैं। इसलिए महामारी रोकने के लिए सिर्फ टीका पर्याप्त नहीं है। क्योंकि दुनिया भर में 70 से 80 फीसद लोगों का टीकाकरण करने में कई साल लग सकते हैं। जबकि शोधों में साबित हो चुका है कि टीका लगने के बाद संक्रमण होने पर भी बीमारी ज्यादा गंभीर नहीं होगी।

इसलिए भारत में पहले स्वास्थ्य कर्मियों, अग्रिम पंक्ति के अन्य कर्मचारियों और फिर बुजुर्गों व 45 साल से अधिक उम्र वाले गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को टीका लगाने का मकसद मौत को रोकना है। इसके अलावा अस्पतालों में मरीज कम हो जाएंगे। दो-तीन सालों में वायरस कमजोर पड़ेगा। वायरस के कमजोर होने तक लोगों को मास्क का इस्तेमाल करते रहना होगा।

डा. दरसवाल ने बताया कि कोरोना से भले ही बच्चे ज्यादा प्रभावित नहीं हुए लेकिन आने वाले समय में उन्हें भी टीकाकरण की जरूरत पड़ेगी। क्योंकि स्कूल खुलने पर कुछ बच्चे संक्रमित हो सकते हैं। उन्हें खुद को ज्यादा परेशानी नहीं होगी लेकिन उनके माध्मय से कई दूसरे लोगों में संक्रमण फैल सकता है। इसलिए कई देशों में बच्चों पर टीके का ट्रायल भी हो रहा है। लिहाजा बच्चों का टीकाकरण भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि यहां भी नेजल टीके का ट्रायल शुरू होने वाला है। जिसका बच्चों पर भी परीक्षण करने की तैयारी है।

अमेरिका में भारत की तारीफ देखकर होता है गर्व

डा. दरसवाल ने कहा कि सिर्फ कुछ देशों में टीका लगने से कोरोना खत्म नहीं होगा। इसलिए केंद्र सरकार द्वारा कई देशों को टीका उपलब्ध कराने से अमेरिका में भारत की खूब तारीफ हो रही है। इससे भारतीय होने के नाते गर्व महसूस होता है।


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