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Delhi Coronavirus News: कोरोना मुक्त हुए राजधानी के 56 अस्पताल

अभी तक संक्रमण से पूरी तरह मुक्ति तो नहीं मिली है लेकिन राजधानी के 56 अस्पताल (44.44 फीसद) कोरोना मुक्त हो गए हैं। पिछले आठ माह में यह पहला मौका है जब इन अस्पतालों में कोरोना के एक भी मरीज भर्ती नहीं है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 25 Jan 2021 01:09 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jan 2021 01:09 PM (IST)
Delhi Coronavirus News: कोरोना मुक्त हुए राजधानी के 56 अस्पताल
पिछले आठ माह में यह पहला मौका है जब इन अस्पतालों में कोरोना के एक भी मरीज भर्ती नहीं है।

रणविजय सिंह, नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ जंग में अब जीत की उम्मीदें नजर आने लगी हैं। हालांकि अभी तक संक्रमण से पूरी तरह मुक्ति तो नहीं मिली है, लेकिन राजधानी के 56 अस्पताल (44.44 फीसद) कोरोना मुक्त हो गए हैं। पिछले आठ माह में यह पहला मौका है जब इन अस्पतालों में कोरोना के एक भी मरीज भर्ती नहीं है। इनमें एक सरकारी व फोर्टिस एस्कॉट्र्स हार्ट इंस्टीट्यूट, मैक्स साकेत, गंगाराम सिटी अस्पताल, हमदर्द इंस्टीट्यूट जैसे निजी अस्पताल शामिल हैं। 30 निजी अस्पतालों में सिर्फ एक से पांच मरीज ही भर्ती हैं।

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उम्मीद है कि कुछ ही दिनों में इन अस्पतालों से भी सभी मरीजों को छुट्टी मिल जाएगी। अब यहां दूसरे रोगों का भी बेहतर इलाज शुरू हो गया है। मौजूदा समय में सरकारी व निजी 126 अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए 9,054 बेड आरक्षित हैं, जिसमें से 8,270 बेड (91.34 फीसद) खाली हैं। दिल्ली कोरोना एप के अनुसार इन अस्पतालों में रविवार दोपहर तक सिर्फ 784 मरीज भर्ती हैं। 

मई-जून में कोरोना की पहली लहर आने के बाद एक समय अस्पतालों में बेड कम पड़ गए थे। डॉक्टरों के सामने यह चुनौती थी कि किससे भर्ती करें और किसे नहीं। उन दिनों को याद कर डॉक्टर कहते हैं कि वे दिन बेहद पीड़ादायक थे। इसलिए सतर्कता जारी रखनी होगी ताकि हालात दोबारा खराब न हो। 

मरीजों से बात करने में डर लगता था: फोर्टिस एस्कॉट्र्स हार्ट इंस्टीट्यूट के पल्मोनरी विभाग के निदेशक डॉ. अवी कुमार ने कहा कि शुरुआती दिनों में डॉक्टर मरीज से दूर-दूर रहते थे। इलाज के लिए दवा नहीं थी। इस वजह से गंभीर मरीजों का इलाज कैसे करना है यह समझ नहीं पा रहे थे। कई मरीजों की हालत अचानक बहुत ज्यादा खराब हो जाती थी।

जैसे-जैसे बीमारी के बारे में जानकारी बढ़ती गई, टोसिलिजुमैब, रेमडेसिवीर सहित कुछ दवाओं का इस्तेमाल शुरू हुआ तो गंभीर मरीजों का इलाज भी संभव हो सका। एक जून को अस्पताल में कोरोना का इलाज शुरू हुआ था। इसके बाद अब वह समय आया है जब अस्पताल में कोरोना का एक भी मरीज नहीं है। लोग मास्क लगाकर एहतियात बरत रहे हैं। इसलिए यहां स्थिति सामान्य होने की दिशा में अग्रसर है, लेकिन ब्रिटेन व अमेरिका में संक्रमण अधिक फैला हुआ है। इसलिए अभी यहां सतर्क रहना है। 

  • आचार्य भिक्षु अस्पताल
  • मैक्स साकेत
  • आरएलके मेट्रो अस्पताल नारायणा
  • हमदर्द इंस्टीट्यूट
  • महाराजा अग्रसेन मल्टीस्पेशियलिटी, नरेला
  • फोर्टिस एस्कॉट्र्स हार्ट इंस्टीट्यूट
  • गंगाराम सिटी अस्पताल
  • बेंसअप्स अस्पताल, द्वारका
  • गोयल अस्पताल व यूरोलॉजी सेंटर

गोयल अस्पताल व यूरोलॉजी सेंटर के प्रमुख डॉ. अनिल गोयल ने कहा कि वह इस बात से खुश हैं कि उनके अस्पताल में कोरोना के एक भी मरीज नहीं है। अब टीका भी आ गया है और लोगों में कुछ इम्यूनिटी भी आ गई है। इसलिए ऐसा लग रहा है कि अब हम हर्ड इम्यूनिटी की तरफ बढ़ रहे हैं। साल के अंत तक देश कोरोना मुक्त हो सकता है। अभी इस अस्पताल में कोरोना के लिए बेड आरक्षित रखे जाएंगे। 

अभी आरक्षित रखा गया है बेड

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली : दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर 0.50 फीसद से नीचे बरकरार है। इसलिए पिछले दो दिन से कोरोना के नए मामले 200 से कम आ रहे हैं। रविवार को कोरोना के 185 नए मामले आए। वहीं 315 मरीज ठीक हुए। इससे सक्रिय मरीजों की संख्या बहुत कम रही गई है, लेकिन पिछले 24 घंटे में नौ मरीजों की मौत हो गई।

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में कोरोना के अब तक कुल छह लाख 33 हजार 924 मामले आ चुके हैं। इसमें से छह लाख 21 हजार 375 मरीज ठीक हो चुके हैं। इससे मरीजों के ठीक होने की दर 98.02 फीसद हो गई है। वहीं मृतकों की संख्या 10,808 पहुंच गई। इस वजह से मृत्यु दर 1.70 फीसद है। मौजूदा समय में सक्रिय मरीजों की संख्या 1741 है। इसमें से 787 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं।

पिछले 24 घंटे में 62,307 सैंपल की जांच हुई है। इसमें से 0.30 फीसद सैंपल पॉजिटिव पाए गए। दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या 1665 रह गई है। 

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