दिल्ली कांग्रेस के नेताओं को मिली हरियाणा में जिम्मेदारी, विधानसभा चुनाव में निभाएंगे अहम भूमिका
कांग्रेस ने दिल्ली के चार वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। हारून यूसुफ को जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर लोकसभा सीट का पर्यवेक्षक बनाया गया है जबकि अनिल भारद्वाज को हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट कमलकांत शर्मा को रोहतक लोकसभा सीट और अनिल चौधरी को करनाल लोकसभा सीट का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। दिल्ली कांग्रेस के चार वरिष्ठ नेताओं को हरियाणा और जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने अहम दायित्व सौंपा है। तीन नेताओं को हरियाणा के अलग- अलग लोकसभा क्षेत्रों जबकि एक को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है।
इन सभी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) के द्वारा नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिया गया है। एक खास बात यह भी कि इन नेताओं के चयन एवं नियुक्ति में जातिगत समीकरणों को भी ध्यान में रखा गया है।
हारून यूसुफ को जम्मू कश्मीर में बनाया गया पर्यवेक्षक
दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री हारून यूसुफ को जम्मू कश्मीर में श्रीनगर लोकसभा सीट का पर्यवेक्षक बनाया गया है। इस सीट के विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाताओं का ही दबदबा है। हरियाणा की सोनीपत लोकसभा सीट पर पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज को पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी मिली है। इस सीट के विधानसभा क्षेत्रों को ब्राह्मण बेल्ट से जोड़ा जाता है।
कमलकांत शर्मा को मिली रोहतक सीट की जिम्मेदारी
रोहतक लोकसभा सीट पर वरिष्ठ नेता कमलकांत शर्मा पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। इस सीट के विधानसभा क्षेत्रों में ब्राहमण और जाट मतदाताओं की बहुलता बताई जाती है।
इसी तरह करनाल लोकसभा सीट पर दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यहां युवा मतदाताओं की संख्या काफी है, संभवतया इसीलिए अपेक्षाकृत एक युवा नेता को इस सीट की विधानसभाओं में संगठन के लिए करने की जिम्मेदारी दी गई है।
एआइसीसी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उक्त नेताओं के नियुक्ति पत्र जारी करते हुए इन सभी नेताओं से बेहतर ढंग से अपनी जिम्मेदारी के निवर्हन की अपेक्षा जताई है।
साथ ही सभी काे संबंधित राज्य के कांग्रेस प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष से संपर्क बनाकर चलने को कहा है। एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बताया कि उक्त नेताओं का चयन इसी आधार पर किया गया है ताकि उन्हें संबंधित लोकसभा व विधान सभा क्षेत्र में अपने समाज से जुड़े लोगों के बीच काम करने में परेशानी न हो।