दिल्ली कांग्रेस में नहीं थम रही गुटबाजी, ब्लॉक अध्यक्ष बनाए जाने पर जिलाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस
करावल नगर जिलाध्यक्ष ए आर जोशी ने प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को बताए बगैर अपने स्तर पर ही तीन ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी। उन्हें नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए गए।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली कांग्रेस में गुटबाजी और अनुशासनहीनता अब सिर से ऊपर हो रही है। आलम यह है कि एक अध्यक्ष, पांच उपाध्यक्ष और 14 जिलाध्यक्षों की छोटी सी कार्यकारिणी में भी एक दूसरे के प्रति भरोसा व सम्मान नहीं है। इसकी एक और बानगी करावल नगर जिले में तीन ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त करने में देखने को मिली है।
जानकारी के मुताबिक करावल नगर जिलाध्यक्ष ए आर जोशी ने प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी को बताए बगैर अपने स्तर पर ही तीन ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति कर दी। उन्हें नियुक्ति पत्र भी जारी कर दिए गए।
सूत्रों का कहना है कि जोशी ने प्रदेश उपाध्यक्ष अली मेहंदी, पार्टी नेता कप्तान सिंह व उनकी पार्षद पत्नी अमरलता सांगवान की शह पर यह कदम उठाया है। इन्हीं की शह पर अध्यक्ष की अनुमति के बिना ही अपने तीन चहेते व्यक्तियों को ब्लॉक का अध्यक्ष घोषित बनवा दिया गया। अब जैसे ही यह मामला खुला, प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्ति करने के लिए उनके पास किसकी स्वीकृति है, कार्यालय में उसकी कॉपी जमा कराएं। बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) को भी इस बात की जानकारी दे दी है। एआइसीसी ने भी मामले को गंभीरता से लिया है।
अगले कुछ दिनों में इन पर कार्रवाई भी की जा सकती है। प्रदेश उपाध्यक्ष अली मेहंदी पर भी इस प्रकरण में कार्रवाई की जा सकती है। जबकि कप्तान सिंह पहले पार्टी छोड़ कर भाजपा व आम आदमी पार्टी (आप) में भी घूम कर आ चुके हैं, उसके बाद भी कांग्रेस ने उनकी घर वापसी कराई और उनकी पार्षद पत्नी अमरलता सांगवान को तिमारपुर विधानसभा से प्रत्याशी भी बनाया, लेकिन वोट मिले तो सिर्फ दो फीसद। अब ये चारों नेता दिल्ली में पार्टी को मजबूत करने के स्थान पर अपनी ढपली बजाने में लगे हैं।
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि पता चला है कि करावल नगर जिलाध्यक्ष एआर जोशी ने अपने जिले में तीन ब्लॉक अध्यक्ष घोषित किए हैं। उन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया है कि किस आधार पर यह नियुक्ति की गई है, क्या इसके लिए कोई स्वीकृति दी गई थी? अगर है तो प्रदेश कार्यालय में उसकी प्रति मुहैया कराई जाए। इससे पहले किसी भी ब्लॉक अध्यक्ष को मान्यता नहीं दी जा सकती है।
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