पूर्व प्रधानमंत्रियों के पसंदीदा कॉफी हाउस को है पीएम का इंतजार, खुद में है इतिहास
प्रदीप ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह काफी अच्छी पहल हैं, क्योंकि कॉफी हाउस सिर्फ कॉफी की चुस्कियों के लिए ही नहीं, बल्कि स्वस्थ बहस और विमर्श के लिए भी जाना जाता है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। शिमला की सर्द वादियों में माल रोड स्थित कॉफी हाउस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार दिल्ली के कनॉट प्लेस स्थित इंडियन कॉफी हाउस भी कर रहा है। यहां कभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से लेकर पत्रकारों और बुद्धिजीवियों का जमावड़ा रहता था।
राजनेताओं ने कॉफी हाउस से बनाई दूरी
कनॉट प्लेस में 60 साल पुराने इंडियन कॉफी हाउस के निर्माण में तो देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने मदद भी की थी। तब यह पालिका पार्किंग वाले स्थान पर टेंट में चलता था, जहां नेहरू कॉफी की चुस्कियां लेने आते थे। इसके बाद इंदिरा गांधी, आइके गुजराल व अटल बिहारी वाजपेयी का भी इस कॉफी हाउस से नाता रहा। हालांकि, हाल के वर्षों में प्रधानमंत्री के साथ राजनेताओं ने भी कॉफी हाउस से दूरी बना ली है।
स्वस्थ बहस और विमर्श की जगह
अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला दौरे के दौरान कॉफी हाउस में कॉफी की चुस्कियां लीं तो इस कॉफी हाउस के भी अपने यहां मोदी के आने की उम्मीद बढ़ी है। कॉफी हाउस के प्रबंधक पीडी प्रदीप ने कहा कि प्रधानमंत्री की यह काफी अच्छी पहल हैं, क्योंकि कॉफी हाउस सिर्फ कॉफी की चुस्कियों के लिए ही नहीं, बल्कि स्वस्थ बहस और विमर्श के लिए भी जाना जाता है। इसलिए जनता की नब्ज समझने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री व कई राजनेता यहां आते रहे हैं। पीडी प्रदीप बताते हैं कि इंदिरा गांधी को यहां का डोसा काफी पसंद था। इसलिए न आ पाने की स्थिति में वे यहीं से डोसा मंगा लेती थीं।
कई ऐतिहासिक पलों का गवाह
यह कॉफी हाउस 1957 में उस समय अस्तित्व मे आया जब आजादी के बाद देश अपनी दिशा तय करने में जुटा था। तब से यह कई ऐतिहासिक पलों का गवाह बना हुआ है। इस वर्ष इसने अपनी स्थापना के 60 वर्ष पूरे किए हैं। यह दिनभर छात्रों, बुजुर्गों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से गुलजार रहता है।
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