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    केजरीवाल जल्द करेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार, जानें कौन होगा नया चेहरा

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Fri, 28 Apr 2017 09:07 PM (IST)

    बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री निवास पर दिन में नवनिर्वाचित पार्षदों की बैठक हुई तो देर शाम पार्टी के पीएसी की बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई।

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    केजरीवाल जल्द करेंगे मंत्रिमंडल का विस्तार, जानें कौन होगा नया चेहरा

    नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली नगर निगम चुनाव के चलते दिल्ली सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार का कार्य रुका हुआ था, अब इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर अनुसूचित जाति के किसी चेहरे को शामिल कर सकते हैं। निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी के लचर प्रदर्शन को देखते हुए मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है।

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    यहां पर बता दें कि बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री निवास पर दिन में नवनिर्वाचित पार्षदों की बैठक हुई तो देर शाम पार्टी के पीएसी की बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा हुई। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस कवायद में मंत्रियों के मौजूदा विभागों में फेरबदल भी संभव है।

    इसके तहत स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को परिवहन विभाग की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है। उनके पास परिवहन के अलावा ऊर्जा, स्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग जैसे अहम विभाग भी हैं।

    दिल्ली सरकार अपनी सबसे अहम मोहल्ला क्लीनिक परियोजना और बिजली की सब्सिडी जैसी अहम योजनाओं को इन्हीं विभागों के मातहत लागू कर रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार सत्येंद्र जैन परिवहन के क्षेत्र में ऐसा कोई उल्लेखनीय काम नहीं कर पाए हैं जिसकी उपलब्धि को चुनाव में भुनाया जा सके।

    इस बीच सूत्रों ने मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति के किसी चेहरे को शामिल करने की संभावना से भी इन्कार नहीं किया है। नए मंत्री की दौड़ में सीमापुरी से आप विधायक राजेंद्र पाल गौतम आगे बताए जा रहे हैं। गौतम पार्टी की विधिक शाखा के भी प्रमुख हैं।

    केजरीवाल ने मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति के कोटे से संदीप कुमार को मंत्री बनाया था, लेकिन पिछले वर्ष संदीप कुमार का एक अश्लील वीडियो सामने आने के बाद केजरीवाल ने उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था।

    अनुसूचित जाति के ही विधायक को मंत्री बनाए जाने के सवाल पर पार्टी के एक नेता का कहना है कि निगम चुनाव में अनुसूचित जाति के मतदाताओं ने आप को 2015 के विधानसभा चुनाव की तरह वोट नहीं दिया।

    इसका एक अहम कारण यह भी हो सकता है कि अनुसूचित जाति के कोटे से मंत्री पद खाली होने से लोगों में उन्हें तवज्जो नहीं देने का संदेश गया है।