राहुल गांधी के समर्थन में उतरे दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, बोले- मानहानि मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं
कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी पर सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया है। कोर्ट के फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी राहुल गांधी के समर्थन में आ गए हैं।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। कांग्रेस पार्टी के सांसद राहुल गांधी द्वारा मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी पर सूरत कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया है। कोर्ट से राहुल गांधी को दो साल की सजा हुई। हालांकि, कोर्ट से राहुल को जमानत भी मिल गई। अब राहुल गांधी के समर्थन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी आ गए हैं। केजरीवाल ने कहा कि राहुल गांधी को मानहानि के मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं है।
केजरीवाल बोले- निर्णय से असहमत हैं
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि ग़ैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि मुक़दमे में फ़साना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं पर इस निर्णय से असहमत हैं।
ग़ैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुक़दमे करके उन्हें ख़त्म करने की साज़िश हो रही है
हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं मगर राहुल गांधी जी को इस तरह मानहानि मुक़दमे में फ़साना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं पर इस निर्णय से असहमत हैं
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) March 23, 2023
राहुल को मिली जमानत
बता दें कि राहुल गांधी को चार पुराने मानहानि के मामले में सूरत ने कोर्ट ने दोषी ठहराया है। अदालत ने राहुल को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी करार दिया था। साथ ही कोर्ट से राहुल को दो साल की सजा भी हुई। खास बात है कि मानहानि के मामले में राहुल को जमानत भी मिल गई।
क्या है राहुल के खिलाफ मामला
दरअसल में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि से जुड़ा यह मामला 2019 में हुए लोकसभा चुनाव से पहले का है। आरोप है कि कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, "कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी है?" उनके इस बयान के बाद भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता ने दावा किया कि राहुल गांधी ने इस टिप्पणी से पूरे मोदी समुदाय को बदनाम किया।