78 साल पुराने बंगले में रह रहे हैं मुख्यमंत्री केजरीवाल, 28 साल पहले पूरी हो चुकी है मियाद
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस तरह के बंगले की उम्र 50 साल बताई है। यानी बंगले की उम्र पूरी होने के बाद 28 साल और निकल चुकी है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जर्जर बंगले में रह रहे हैं। बंगला 78 साल पुराना है। कुछ दिन पहले बंगले में बने मुख्यमंत्री के चैंबर की छत का हिस्सा गिर गया था। इसकी मरम्मत हो ही रही थी कि चैंबर के साथ बने शौचालय की छत का हिस्सा गिर गया। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने इस ,तरह के बंगले की उम्र 50 साल बताई है। यानी बंगले की उम्र पूरी होने के बाद 28 साल और निकल चुकी है। ऐसे में मुख्यमंत्री आवास कितना सुरक्षित है, आवास के ढांचे की समीक्षा की जा रही है। केजरीवाल सिविल लाइंस स्थित फ्लैग स्टाफ मार्ग पर छह नंबर के बंगले में रहते हैं। इसका निर्माण वर्ष 1942 में किया गया था। यानि यह आवास 78 वर्ष पुराना है। मुख्यमंत्री ने अपने आवास में जो अपना कार्यालय बनाया है, उसमें मुख्यमंत्री का अपना कमरा है।
पिछले दिनों हुई तेज बारिश में इस चैंबर की छत का बड़ा हिस्सा गिर गया था, लेकिन गनीमत रही कि किसी को चोट नहीं आई। अधिकारियों और एजेंसियों ने उसकी मरम्मत का काम शुरू कराया। मरम्मत चल ही रही थी कि दो दिन बाद मुख्यमंत्री के चैंबर के शौचालय की छत का हिस्सा गिर गया। जब शौचालय की छत की मरम्मत शुरू हुई तो शौचालय की दीवार की ईंटें भी निकलने लगी। इस बंगले में मार्च 2015 से मुख्यमंत्री केजरीवाल रह रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि 78 साल पुराने इस घर में जब से मुख्यमंत्री रहने आए हैं तब से ही कुछ न कुछ मरम्मत का काम चलता ही रहता है। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या मुख्यमंत्री आवास सुरक्षित है?
लोक निर्माण विभाग के पूर्व सचिव एसके श्रीवास्तव कहते हैं कि जिस समय बंगला बना था उस समय सीमेंट का उपयोग नहीं होता था। उस समय गीली मिट्टी से दीवारों की चिनाई होती थी। उसके बाद चूने का उपयोग किया जाता था। उन्होंने कहा कि जिन बंगलों की अच्छे से देखभाल रखी जाती रही है वह आज भी ठीक हैं, मगर देखभाल न होने पर बंगले का जर्जर होना स्वाभाविक है। पहले किसी मंत्री या मुख्यमंत्री को आवंटित नहीं हुआ है यह बंगला केजरीवाल से पहले यह बंगला किसी मुख्यमंत्री या मंत्री को आवंटित नहीं हुआ है। इसमें केवल नौकरशाह ही रहे हैं। यह बंगला टाइप-5 का है।
इससे पहले 15 साल दिल्ली में मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित पहले मथुरा रोड के एबी-17 पते के उस बंगले में रहीं, जिसमें उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया रहते हैं। बाद के पांच साल शीला दीक्षित 2 मोती लाल नेहरू मार्ग के टाइप-आठ के बंगले में रहीं। उनके सत्ता से हटने के बाद यह बंगला केंद्र सरकार से दिल्ली सरकार को नहीं मिल सका। इसे केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के लिए आवंटित कर दिया।