दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का चुनाव स्थगित, सीएम केजरीवाल ने एलजी को भेजा प्रस्ताव
Delhi Sikh Gurdwara Management Committee elections दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (DSGMC) के चुनाव को स्थगित कर दिया गया है। इस संबंध में केजरीवाल सरकार ने एक प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा है। इसकी जानकारी डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने दी है।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। दिल्ली कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के चुनाव स्थगित करने का फैसला किया है। फैसले पर मंजूरी के लिए उपराज्यपाल अनिल बैजल को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव में 25 अप्रैल को होने वाले चुनाव को टालने की बात कही गई है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस संबंध में ट्वीट भी किया है। सिसोदिया ने ट्वीट करके कहा कि संक्रमण और लॉकडाउन को देखते हुए मुख्यमंत्री ने डीएसजीएमसी के चुनाव स्थगित करने का फैसला किया है। फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए उपराज्यपाल को प्रस्ताव भेजा गया है। अब एलजी को ही आखिरी फैसला लेना है।
बता दें कि हाईकोर्ट ने 13 मई तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया था। पहले 25 अप्रैल को चुनाव होने थे और 27 अप्रैल को मतगणना होनी थी। 46 वार्डों में 3.42 लाख मतदाताओं को इसमें मतदान करना था।
प्रदेश अध्यक्ष, शिरोमणी अकाली दल (बादल) हरमीत सिंह कालका ने कहा कि जब शादियां हो रही है रेस्तरां खुले हैं तो फिर चुनाव क्यों नहीं कराए जा रहे हैं। सरकार चाहती तो लॉकडाउन को एक दिन पूर्व कर सकती थी। हार देखते हुए चुनाव टालने का फैसला लिया गया है।
वहीं, जग आसरा गुरु ओट (जागो) के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने कहा कि हम इसका स्वागत करते हैं। इन हालातों में चुनाव होना जरूरी नहीं है। संक्रमण की जद में आए लोगों की मदद करना इस समय पहली प्राथमिकता है। जब हालात ठीक हो तब यह चुनाव कराए जाएं।
महापौर चुनाव अब 30 अप्रैल को होंगे चुनाव
वहीं, तीनों नगर निगमों में महापौर, उप महापौर व स्थायी समिति के तीन सदस्यों के लिए होने चुनाव अब 30 अप्रैल को होंगे। तीनों निगमों में सोमवार को नामांकन की आखिरी तिथि थी, लेकिन दिल्ली सरकार की ओर से लाकडाउन की घोषणा के बाद निगम ने इसे अब 26 अप्रैल कर दिया है। उत्तरी-पूर्वी और दक्षिणी निगम में अब 30 अप्रैल को चुनाव होंगे, जबकि पहले 27 से 29 अप्रैल तक यह प्रक्रिया पूरी होनी थी। अगर इस माह तय तिथियों पर चुनाव नहीं होते हैं तो उपराज्यपाल अनिल बैजल से निगमों को इसकी विशेष अनुमति लेनी होगी।
निगम एक्ट के अनुसार अप्रैल में होने वाली सदन की पहली बैठक में महापौर व उप महापौर के चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाती है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले वर्ष ऐसा नहीं हो पाया था। तब उपराज्यपाल ने निगमों को इसकी अनुमति दी थी। इसके बाद जून में चुनाव की प्रक्रिया पूरी की गई थी।