Move to Jagran APP

केजरीवाल के एक माफीनामे से पिघल गए वित्‍त मंत्री अरुण जेटली, जानें- क्‍या है डीडीसीए मानहानि मामला

जेटली जी, मैंने आपके डीडीसीए प्रेसिडेंट रहते वक्त कुछ गड़बड़ियों को लेकर दिसंबर, 2015 में आरोप लगाए थे। इसके लिए डीडीसीए से जुड़े लोगों ने मुझे दस्तावेज और सूचनाएं दी थीं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 03 Apr 2018 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 03 Apr 2018 12:47 PM (IST)
केजरीवाल के एक माफीनामे से पिघल गए वित्‍त मंत्री अरुण जेटली, जानें- क्‍या है डीडीसीए मानहानि मामला
केजरीवाल के एक माफीनामे से पिघल गए वित्‍त मंत्री अरुण जेटली, जानें- क्‍या है डीडीसीए मानहानि मामला

नई दिल्‍ली [ जेएनएन ]। केंद्रीय वित्त मंत्री और भाजपा नेता अरुण जेटली की ओर से मानहानि केस का सामना कर रहे अरविंद केजरीवाल और उनके साथी आशुतोष, राघव चड्ढा और संजय सिंह ने उनसे माफी मांग ली है। खुद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जाने के बाद अरुण जेटली ने केजरीवाल, संजय सिंह, राघव चड्ढा और आशुतोष के खिलाफ मानहानि का केस दाखिल किया था। आखिर क्‍या है ये पूरा मामला। कैसे शुरू हुआ सिलसिला।

loksabha election banner

केजरीवाल ने क्‍या लिखा है खत में

- 'जेटली जी, मैंने आपके डीडीसीए प्रेसिडेंट रहते वक्त कुछ गड़बड़ियों को लेकर दिसंबर, 2015 में आरोप लगाए थे। इसके लिए डीडीसीए से जुड़े लोगों ने मुझे दस्तावेज और सूचनाएं दी थीं।

- 'अब पता चला है कि ये सभी सूचनाएं आधारहीन थीं और मुझे गुमराह किया गया। मेरी ओर से आपके खिलाफ उठाए सवाल और बयानों के मीडिया में चलने से जो सम्मान की हानि हुई, उसके लिए खेद है।''

- 'साथ ही हाई कोर्ट में मेरी ओर से पैरवी करते हुए राम जेठमलानी ने आपके लिए जिन अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। उसकी भी कोई जानकारी मुझे नहीं थी और न ही मैंने इसके लिए निर्देश दिए थे। पहले भी साफ कर चुका हूं कि जेठमलानी ने अपनी ओर से गलत बातें कही थीं।'

- 'चाहता हूं कि अब दिल्ली हाई कोर्ट और पटियाला हाउस कोर्ट में चल रहे मानहानि के केस वापस ले लिए जाएं। हम अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों से हैं और अपनी ऊर्जा देश की जनता की सेवा में लगाएं।'

जेठमलानी ने माफी मांगने की सलाह दी थी

दिल्ली हाई कोर्ट में जेठमलानी और जेटली के बीच जिरह के वक्त तीखी बहस भी हुई। वकीलों ने वित्त मंत्री के लिए धूर्त जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। इस पर उन्होंने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके बाद केजरीवाल ने हलफनामे में कोर्ट को बताया कि वकीलों ने अपनी ओर से जेटली के लिए अपमानजनक शब्द कहे थे। हालांकि, जेठमलानी ने दावा किया था कि ऐसा करने के लिए केजरीवाल और आप नेताओं ने उन्हें निर्देश दिए थे। बाद में जेठमलानी ने अरुण जेटली और केजरीवाल को लेटर लिखते हुए केस छोड़ दिया। केजरी को सलाह दी कि अब वो आरोपों को लेकर माफी मांग ले, इसके अलावा उनके पास कोई चारा नहीं।

क्‍या है डीडीसीए मानहानि मामला

2015 में अरविंद केजरीवाल समेत आप के कई नेताओं ने वित्त मंत्री जेटली के खिलाफ भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि जेटली ने 13 साल तक दिल्ली की क्रिकेट बॉडी (डीडीसीए) प्रेसिडेंट रहते घोटाला किया था। कई दिन तक आप नेताओं ने जेटली के खिलाफ सोशल मीडिया में कैंपेन चलाया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कई दिनों तक आरोपों को खारिज किया। बाद में केजरीवाल, संजय सिंह, आशुतोष, कुमार विश्वास और राघव चड्ढा पर सिविल और आपराधिक मानहानि के अलग-अलग दो केस फाइल किए और 10-10 करोड़ के मुआवजे की मांग की थी।

पहले भी नेताओं से माफी मांग चुके हैं केजरीवाल

यह पहला मौका नहीं है जब केजरीवाल ने अपने आरोपों के लिए माफी मांगी है। 19 मार्च को उन्होंने मानहानि केस में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल से माफी मांगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गडकरी और सिब्बल को लिखे लेटर में आरोपों को आधारहीन बताया। मार्च में ही पंजाब के पूर्व मंत्री और अकाली नेता बिक्रम मजीठिया के केजरीवाल ने ड्रग कारोबार के आरोपों को लेकर माफी मांगी थी। अगस्त, 2017 में हरियाणा के बीजेपी नेता अवतार सिंह भड़ाना को माफीनामा भेजा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.