दिल्ली सरकार का बड़ा कदम, 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू
दिल्ली सरकार का कहना है कि 30 नवंबर तक 300 कैमरे लग जाएंगे। अगले 6 महीने में सभी सीसीटीवी कैमरों को लगाने का लक्ष्य तय कर लिया गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। तमाम झंझटों को पार कर दिल्ली में एक लाख 40 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि 30 नवंबर तक 300 कैमरे लग जाएंगे। अगले 6 महीने में सभी सीसीटीवी कैमरों को लगाने का लक्ष्य तय कर लिया गया है। सीसीटीवी लगाने का टेंडर सरकारी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (बीईएल) को आवंटित कर दिया गया है। सरकार इसे महिला सुरक्षा के मद्देनजर बड़ा कदम मान रही है।
लोक निर्माण मंत्री सत्येंद्र जैन ने लोक निर्माण विभाग को सख्त निर्देश दिया है कि तय समय में काम पूरा किया जाए। सत्येंद्र जैन ने कैमरे लगाने के लिए सरकार की एसओपी (स्टैडिंग ऑपरेटिंग प्रोसिजर) को 27 अगस्त को ही मंजूरी दे दी थी। इसी आधार पर ही सभी कैमरे लगाए जा रहे हैं। सीसीटीवी कैमरों को लगाने और रखरखाव की लागत 571.40 करोड़ रुपये आएगी। कैमरे लगाने के लिए 320.96 करोड़ और पाच साल की अवधि तक मरम्मत के लिए 250.44 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी गई है।
इस तरह के होंगे कैमरे
सीसीटीवी कैमरे 4 मेगा पिक्सल के होंगे। इससे दूर की तस्वीर भी आसानी से जूम कर देखी जा सकेगी। इसमें जूम करने के दौरान तस्वीर फटने की गुंजाइश नहीं रहती। कैमरों में 24 घटे रिकॉर्डिंग और डाटा सुरक्षित करने की सुविधा होगी। खराबी पर मिलेगा मैसेज कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी इसे लगाने वाली बीईएल कंपनी को ही दी गई है। किसी भी कैमरे में खराबी आने पर स्थानीय आरडब्ल्यूए के प्रमुख, लोक निर्माण विभाग के स्थानीय इंचार्ज, कंपनी के स्थानीय इंचार्ज व लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में स्थापित होने वाले कंट्रोल रूम को मैसेज मिल जाएगी। वहीं, बिजली आपूर्ति बाधित होने पर भी एक घटे तक कैमरे काम करते रहेंगे। इससे आपराधिक मामलों को सुलझाने में सुरक्षा एजेंसियों को मदद मिलेगी।
- क्या है योजना
- कैमरे कहां लगें इसके लिए कमेटी बनाई गई है।
- इसमें स्थानीय विधायकों की भूमिका खास होगी
- कैमरों को लगाने के बाद उसे स्थानीय आरडब्ल्यूए/मार्केट एसोसिएशनों को सौंप दिया जाएगा।
- कैमरों पर मालिकाना हक लोक निर्माण विभाग का होगा।
- सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में 2-2 हजार की संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
- कैमरों को चालू रखने के लिए स्थानीय आरडब्ल्यूए ही बिजली कनेक्शन की व्यवस्था करेंगे।
इन्हें मिलेगी फुटेज
- स्थानीय आरडब्ल्यूए
- स्थानीय पुलिस
- स्थानीय डीसीपी
- लोक निर्माण विभाग
दिल्ली सरकार को करना पड़ा है संघर्ष
सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए दिल्ली सरकार को काफी संघर्ष करना पड़ा है। इस योजना को लेकर दिल्ली सरकार और राजनिवास आमने-सामने आ गए थे। उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के गृह सचिव मनोज परीदा के नेतृत्व में कमेटी गठित कर दी थी। मगर दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी को मानने से इन्कार कर दिया था। दिल्ली सरकार ने साफ किया था कि हम कैमरे लगाकर रहेंगे।