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Delhi: केजरीवाल का शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता पर जोर, कुल बजट का 22 प्रतिशत एजुकेशन सेक्टर को आवंटित

दिल्ली सरकार स्कूलों की बुनियादी और ढांचागत सुविधाओं को पूरी करने के बाद शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता पर जोर देगी। हर वर्ष शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा बजट आवंटित किया है। हालांकि साल दर साल शिक्षा का बजट कम हो रहा है।

By Ritika MishraEdited By: Shyamji TiwariPublished: Wed, 22 Mar 2023 08:17 PM (IST)Updated: Wed, 22 Mar 2023 08:17 PM (IST)
Delhi: केजरीवाल का शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता पर जोर, कुल बजट का 22 प्रतिशत एजुकेशन सेक्टर को आवंटित
केजरीवाल का शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता पर जोर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली सरकार स्कूलों की बुनियादी और ढांचागत सुविधाओं को पूरी करने के बाद शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता पर जोर देगी। इसी को नई योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में शिक्षा को बजट का सबसे बड़ा हिस्सा दिया है। शिक्षा को इस बार कुल 16575 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। ये आंकड़ा बीते वर्ष से ज्यादा है। बीते वर्ष शिक्षा को 16278 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।

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वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने बजट पेश करते हुए कहा कि दिल्ली का शिक्षा माडल अब सिर्फ सरकारी स्कूलों की अच्छी बिल्डिंग बनाने और परीक्षा में अच्छे परिणाम लाने से कहीं आगे निकल चुका है। दिल्ली सरकार ने हर वर्ष शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा बजट आवंटित किया है।

अब स्कूलों में उत्कृष्ट सुविधाएं हैं, सरकार ने भी शिक्षकों के प्रशिक्षण के सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के मानक भी पेश किए हैं। हालांकि, अगर कुल बजट में शिक्षा को आवंटित बजट को देखे तो ये प्रतिशत साल दर साल घट रहा है। वर्ष 2021-22 में कुल बजट का 23 प्रतिशत, वर्ष 2022-23 में 22 प्रतिशत शिक्षा को मिला था, इस वर्ष ये 21 प्रतिशत है।

मिलेंगे नए टेबलेट 

सरकारी स्कूलों की शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण सुधार और शिक्षकों को हाई टेक बनाने और शिक्षा व्यवस्था आसान करने के लिए सरकार ने शिक्षकों के लिए वर्ष 2018 में सभी शिक्षकों को टेबलेट बांटे थे। चूंकि अब ये टेबलेट चार वर्ष से अधिक पुराने हो चुके हैं इसलिए इस वित्तीय वर्ष में सभी नियमित, अतिथि और अनुबंधात्मक शिक्षकों, उपप्रधानाचार्यों, प्रधानाचार्यों और उप शिक्षा निदेशकों को नए टेबलेट बांटे जाएंगे।

हर स्कूल को 20 नए कंप्यूटर 

राजधानी के कई सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को तकनीक में दक्ष करने और उपकरणों की मदद से नई अवधारणाओं को शिक्षा में शामिल करने के लिए चरणबद्ध तरीके से कम से कम 20 नए कंप्यूटर हर स्कूलों को मिलेंगे। इससे छात्रों के शैक्षिक मूल्यांकन में भी बढ़ोतरी हो सके। वर्ष 2023-24 में 350 स्कूलों को नए कंप्यूटर उपलब्ध कराए जाएंगे।

एसओएसई की संख्या बढ़ेगी 

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की प्रतिभा को उभारने के लिए दिल्ली सरकार ने डा. बीआर आंबेडकर स्कूल आफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एसओएसई) की शुरुआत वर्ष 2021 में 20 स्कूलों के साथ की थी। जिसमें छात्रों को पांच स्पेशलाइज्ड डोमेन में पढ़ाया जाता है। इसमें पहला विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित (स्टेम), दूसरा ह्यूमैनिटीज, तीसरा परफार्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स, चौथा हाई एंड 21 सेंचुरी स्किल्स और पांचवां आर्म्ड फोर्सेज प्रिपरेटरी स्कूल है। इस वित्तीय वर्ष में इन स्कूलों की संख्या बढ़ाई जाएगी। वर्ष 2023-24 में इन स्कूलों की संख्या 37 पहुंचाने का लक्ष्य है। इन स्कूलों की दिल्ली बोर्ड आफ स्कूल एजुकेशन से संबंद्घता होगी। संख्या बढ़ने से इन स्कूलों में 10 हजार छात्र पढ़ सकेंगे।

सभी स्कूलों में छात्रों को पढ़ने को मिलेंगी अलग-अलग भाषाएं 

शिक्षा निदेशालय ने एसओएसई स्कूलों को वैश्विक परिवेश को ध्यान में रखते हुए तैयार किया था। इन स्कूलों में छात्रों को फ्रेंच, जर्मन, जैपनीज और स्पेनिश भाषाएं पढ़ने को मिल रही हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू इस योजना के सफल परिणाम मिलने के बाद सरकार इसे सभी स्कूलों में लागू करने की योजना बनाएगी। वहीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत सुझाए गए स्कूल काम्प्लेक्स के विचार पर काम किया जाएगा। इसके तहत सरकार के सभी स्कूल अपने सभी फीडर स्कूलों और क्षेत्र की आंगनबाडियों को साथ लेकर चलेंगे ताकि सभी छात्रों का मूलभूत कौशल विकसित हो सके।

स्कूल और उद्योग मिलकर करेंगे काम 

छात्रों के बेहतर भविष्य के निर्माण, पारंपरिक विषयों के साथ-साथ नए जमाने की चुनौतियों से निपटने के लिए उन्हें कोई एक कौशल सिखाने के लिए दिल्ली में 12 नए स्कूल आफ एप्लाइड लर्निंग शुरू किए जाएंगे। इसके तहत स्कूल और उद्योग मिलकर काम करेंगे। इन स्कूलों में न केवल पारंपरिक विषय होंगे बल्कि छात्रों को अपना कौशल विकसित करने के पर्याप्त अवसर देने के लिए एक पेशेवर औद्योगिक सेटअप भी होगा। ये स्कूल दिल्ली शिक्षा बोर्ड से संबंद्ध होंगे। इन स्कूलों में कक्षा नौवीं से उच्च गुणवत्ता वाले कौशल विषय भी अनिवार्य रूप से शुरू किए जाएंगे। हर बच्चा नौवीं और 10वीं में तीन-तीन कौशल विषय और 11वीं और 12वीं में एक-एक कौशल विषय का अध्ययन करेगा।

बहुउद्देशीय खेल परिसर मिलेगा 

खेलों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में कई खेल परिसर विकसित किए गए हैं। इसमें कैर (नजफगढ़) में अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर, मुंढेला खेल परिसर और प्रहलादपुर में खेल परिसर शामिल है। सरकार इसी को आगे बढ़ाते हुए इस वित्तीय वर्ष में नजफगढ़ के समसपुर खालसा में एक बहुउद्देशीय खेल परिसर विकसित करेगी। ये 35 एकड़ भूमि में बनेगा। 

इसके साथ ही एक कुश्ती छात्रावास, छत्रसाल स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक की रिलेयिंग, राजीव गांधी स्टेडियम का अपग्रेडेशन और त्यागराज स्टेडियम में स्क्वैश सेंटर का निर्माण शामिल है। वहीं, खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार नौ हजार से अधिक खिलाड़ियों को बीते आठ वर्षों से अब तक 110 करोड़ रुपये की राशि वितरित कर चुकी है।


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