Delhi Batla House: HC ने याचिकाकर्ता संगठन को उचित मंच पर जाने के लिए दी तीन सप्ताह की मोहलत
बटला हाउस धोबीघाट के ध्वस्तीकरण के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे एक संगठन को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने मुस्लिम कस्सर विकास संगठन को मामले में उचित मंच पर जाने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। बटला हाउस धोबीघाट के ध्वस्तीकरण के खिलाफ हाई कोर्ट पहुंचे एक संगठन को दिल्ली हाई कोर्ट से राहत मिली है। न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी की पीठ ने मुस्लिम कस्सर विकास संगठन को मामले में उचित मंच पर जाने के लिए तीन सप्ताह की मोहलत दी है। पीठ ने इसके साथ ही दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को निर्देश दिया कि वह इस दौरान कोई कार्रवाई नहीं करे।
ओखला स्थित धोबीघाट का इस्तेमाल धोबी कपड़ा साफ करने के लिए करते थे। संगठन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने से डीडीए को रोकने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने मांग की कि कार्रवाई पर तब तक रोक लगाए जाने का निर्देश दिया जाए जब तक की आसपास के क्षेत्र में जमीन का आवंटन और इसका निर्माण कार्य पूरा न कर लिया जाए। सुनवाई के दौरान डीडीए की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव बंसल व अधिवक्ता प्रभसहाय कौर ने पीठ को बताया कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई 24 दिसंबर को ही शुरू कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने यह कार्रवाई यमुना के किनारे से अतिक्रमण हटाने के संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा दिए गए फैसले के अनुपालन में शुरू की है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील दलील दी कि मनोज मिश्रा के मामले में एनजीटी का आदेश यमुना नदी और बाढ़ के मैदानों को संरक्षित करने से है, जबकि उक्त धोबीघाट नदी के पानी से 2.5 किलोमीटर की दूरी पर है। उन्होंने यह कहते हुए मामले में यथास्थिति बनाए रखने की मांग की कि उक्त स्थान का इस्तेमाल जीवन यापन के लिए किया जा रहा है।
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