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विधानसभा में सिसोदिया ने कहा- केंद्र की सरकार को नहीं है जनता की चिंता

सिसोदिया ने कहा कि भाजपा सरकार मेट्रो को भी हवा-हवाई तरीके से चलाना चाहती है। पहले मेट्रो के किराये में गलत ढंग से इजाफा कर दिया गया, अब फेज-4 की प्रोजेक्ट लागत अधिक लगा दी।

By Edited By: Published: Thu, 20 Dec 2018 08:20 PM (IST)Updated: Fri, 21 Dec 2018 09:31 AM (IST)
विधानसभा में सिसोदिया ने कहा- केंद्र की सरकार को नहीं है जनता की चिंता
विधानसभा में सिसोदिया ने कहा- केंद्र की सरकार को नहीं है जनता की चिंता

नई दिल्ली,जेएनएन। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मेट्रो फेज-4 की मंजूरी में देरी के लिए दिल्ली नहीं, बल्कि केंद्र सरकार दोषी है। केंद्र सरकार ने ही इस प्रोजेक्ट की फाइल पर बार-बार अड़चनें लगाई। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने तो इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत भी 57 हजार करोड़ रुपये बैठा दी थी, जबकि दिल्ली सरकार ने सिर्फ 46 सौ करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट मंजूर कर जनता के 11 हजार करोड़ रुपये की बचत की है। सिसोदिया गुरुवार को विधानसभा सत्र में एक दिन पूर्व मेट्रो फेज-4 को दिल्ली सरकार द्वारा मंजूरी देने पर रखे गए धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बोल रहे थे।

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दरअसल, सत्ता पक्ष के विधायक महेंद्र गोयल, सहीराम पहलवान, सुखबीर दलाल आदि विधायक इस मंजूरी के लिए सरकार को धन्यवाद दे रहे थे तो नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने इसे गुमराह करने वाला बताया। भाजपा विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी कमोबेश यही बात रखी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने पहले तो इस प्रोजेक्ट को तीन साल तक लटकाए रखा और अब इस पर वाहवाही लूटना चाह रही है।

इस पर परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत व सिसोदिया को गुस्सा आ गया। गहलोत ने कहा कि विपक्ष का आरोप एकदम तथ्यहीन है। सच तो यह है कि चार-पांच बार यह फाइल दिल्ली सरकार के पास आई और इतनी ही बार केंद्र सरकार के पास गई। कभी कोई अड़चन लगा दी जाती और कभी कोई।

इसके बाद वित्त समिति में केंद्र सरकार के भेजे अधिकारियों ने तमाम रुकावटें डालीं। कभी किसी कॉरिडोर पर सवाल उठाए और कभी किसी पर। इसी बीच जीएसटी लागू हो गया तो सारे प्रोजेक्ट का मूल्यांकन दोबारा कराना पड़ा। इसीलिए इस प्रोजेक्ट को स्वीकार करने में देरी हुई। उन्होंने इस पर भी हैरत जताई कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने खुद भी इस प्रोजेक्ट को अपनी बोर्ड बैठक में हफ्तेभर पहले ही पास किया है।

सिसोदिया ने आगे कहा कि केंद्र शासित भाजपा सरकार मेट्रो को भी हवा-हवाई तरीके से चलाना चाहती है। पहले मेट्रो के किराये में गलत ढंग से इजाफा कर दिया गया, वहीं अब मेट्रो फेज-4 की प्रोजेक्ट लागत अधिक लगा दी। केंद्र सरकार को जनता की कोई चिंता नहीं है, जबकि दिल्ली सरकार जनता के बारे में सोचती है। इसीलिए, सड़क के ऊपर कॉरिडोर और उसके ऊपर मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की योजना तैयार की।

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने भी मेट्रो किराया वृद्धि पर भाजपा को घेरा। उन्होंने नेता विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली सरकार मेट्रो का किराया 25 से 30 फीसद तक कम करना चाहती है। लेकिन, केंद्र सरकार सुन ही नहीं रही। उन्होंने गुप्ता से कहा कि वह केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी से समय लें, दिल्ली के परिवहन मंत्री संग सभी आप विधायक भी चलेंगे, लेकिन केंद्र सरकार मेट्रो का किराया कम तो करे।


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