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विस ने पास किया दिल्ली सरकार का बजट, सिसोदिया बोले- विपक्ष के पास बोलने को कुछ नहीं

सिसोदिया ने कहा कि चौथी बार सरकार का यह ऐसा बजट है जिस पर बोलने के लिए विपक्ष के पास कुछ नहीं है। मगर मजबूरी वश विपक्ष को कुछ न कुछ बोलना होता है।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 27 Mar 2018 09:27 PM (IST)Updated: Wed, 28 Mar 2018 10:51 AM (IST)
विस ने पास किया दिल्ली सरकार का बजट, सिसोदिया बोले- विपक्ष के पास बोलने को कुछ नहीं
विस ने पास किया दिल्ली सरकार का बजट, सिसोदिया बोले- विपक्ष के पास बोलने को कुछ नहीं

नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली सरकार का वर्ष 2018-19 का बजट मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में ध्वनिमत से पारित हो गया। जीएसटी लागू होने के चलते 53,000 करोड़ की अनुमानित राशि के इस बजट में किसी कर में कोई वृद्धि नहीं की गई है। बजट को स्वीकृति मिलने पर सत्ता पक्ष ने समर्थन में मेजें थपथपाई। इस बजट में भी आउटकम बजट की प्रक्रिया लागू रहेगी।

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विपक्ष के पास कुछ नहीं

चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं पर सवाल उठाए और जनविरोधी बताया। वहीं बजट चर्चा के दौरान वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि चौथी बार सरकार का यह ऐसा बजट है जिस पर बोलने के लिए विपक्ष के पास कुछ नहीं है। मगर मजबूरी वश विपक्ष को कुछ न कुछ बोलना होता है।

राजस्व में काफी लाभ हुआ है

वहीं बजट पर चर्चा के दौरान दिए गए समय को लेकर विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि उन्हें अपनी बात रखने का पूरा समय नहीं दिया गया। मगर जो समय उन्हें मिला उसमें गुप्ता ने बजट की बखिया उधेड़ने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से सरकार की आय थम सी गई थी। जीएसटी के लागू होने से दिल्ली सरकार को राजस्व में काफी लाभ हुआ है। मगर एक बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की तारीफ में बात नहीं की गई है।

केंद्र सरकार से मिलते हैं 16 हजार करोड़ रुपये

उन्होंने कहा कि सरकार का यह कहना गलत है कि उसे केंद्र सरकार से अनुदान के रूप में 325 करोड़ की राशि प्रति वर्ष मिलती है। केंद्र सरकार 16 हजार करोड़ रुपये के करीब दिल्ली सरकार को देती है। केंद्र सरकार उच्च शिक्षा के प्रोत्साहन देने के लिए लगभग 4000 करोड़ रुपये की राशि देती है। मेट्रो में 50 प्रतिशत इक्विटी के अंतर्गत केंद्र ने दिल्ली को 7497 करोड़ रुपये दिए हैं। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को नेशनल हाईवे-1, 2, 3, 10, और 24 के निर्माण में सुधार के लिए 31000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।

दिल्ली सरकार ने एक बार भी चर्चा नहीं की

135 किलोमीटर लंबे इस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर 10000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। धौलाकुआ से एयरपोर्ट को सिग्नल फ्री बनाया जा रहा है। दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। निजामुद्दीन से उत्तर प्रदेश सीमा तक का 9 किमी. लंबा रास्ता 2000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित किया जा रहा है। केंद्र द्वारा यह सब दिल्ली के लोगों के लिए ही किया जा रहा है। मगर दिल्ली सरकार ने एक बार भी चर्चा नहीं की है। 

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