दिल्ली में दुष्कर्म पीड़िता से कागजात पर जबरन हस्ताक्षर कराने का आरोप, कोर्ट ने एसीपी से मांगी रिपोर्ट
महिला से दुष्कर्म करने और हनी ट्रैप के जरिये अपराधियों को पकड़ने में पीडि़ता का इस्तेमाल करने के मामले में अब नया मोड़ आया है। पीड़िता ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेसिंग सुनवाई के दौरान आराेप लगाया कि उसे एसीपी आफिस बुलाकर जबरन कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करा लिए गए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। महिला से दुष्कर्म करने और हनी ट्रैप के जरिये अपराधियों को पकड़ने में पीडि़ता का इस्तेमाल करने के मामले में अब नया मोड़ आया है। पीड़िता ने शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेसिंग सुनवाई के दौरान आराेप लगाया कि उसे एसीपी आफिस बुलाकर जबरन कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करा लिए गए और उस पर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। ऐसे में मामले की सुनवाई कर रहे रोहिणी कोर्ट के महानगर दंडाधिकारी वैभव चौरसिया ने एसीपी को रिपोर्ट दाखिल करने का कहा है। कोर्ट ने एसीपी से पूछा कि शिकायतकर्ता को किन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया था।
कोर्ट ने कहा कि एसीपी से रिपोर्ट मांगी जाए कि शिकायतकर्ता को किन कारणों से एसीपी कार्यालय में बुलाया गया है । यह निर्देश दिया जाता है कि जांच एजेंसी कानून की उचित प्रक्रिया के दायरे से बाहर खुद को संचालित नहीं करे। इसके अलावा, अदालत ने पुलिस उपायुक्त को पीड़िता की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होगी।
पेश मामले में महिला ने अपने वकील अमित साहनी के जरिए कोर्ट में अर्जी दायर कर आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रताड़ना के एक मामले की शिकायत नवंबर 2020 शाहबाद डेरी थाने में की थी। तब उस मामले केआइओ आरोपित हेड कांस्टेबल के संपर्क में आई थी। इस दौरान आरोपित का समय उनके साथ बीतने लगा। आरोपित ने पूठ खुर्द स्थित अपने घर पर जबरन साथ शारीरिक संबंध बना लिया और यह क्रम वर्ष 2021 तक चलता रहा।इस दौरान उसका गर्भपात भी कराया गया। महिला का आरोप है कि आरोपित हेड कांस्टेबल ने उनके फोटो का इस्तेमाल कर आभासी मंच पर अकाउंट बनाकर उसका इस्तेमाल अपराधी को पकड़ने में किया।