Delhi Violence: 300 दंगाइयों को पकड़ने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश ने बनाया प्लान
Delhi Violence दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज मुखबिर और पकड़े गए दंगाइयों से पूछताछ के आधार पर सभी के बारे में पुख्ता सबूतों के साथ ही उनकी पूरी जानकारी भी जुटा ली है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Violence : यमुनापार में हिंसा करके फरार हुए उत्तर प्रदेश के 300 दंगाइयों की पहचान करने के बाद दिल्ली और उत्तर प्रदेश की पुलिस ने मिलकर उनकी धरपकड़ के लिए प्लान तैयार किया है। दोनों राज्यों की पुलिस के उच्चाधिकारियों ने बैठक करके कार्रवाई की रणनीति बनाई है। वहीं दिल्ली पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मुखबिर और पकड़े गए दंगाइयों से पूछताछ के आधार पर सभी के बारे में पुख्ता सबूतों के साथ ही उनकी पूरी जानकारी भी जुटा ली है। इसमें मोबाइल नंबर से लेकर उनके घर का पता तक शामिल है। ऐसे में अब जल्द ही उत्तर प्रदेश स्थित उनके ठिकानों पर दोनों राज्यों की पुलिस दबिश देने का सिलसिला शुरू कर सकती है।
रविवार को उत्तर-पूर्वी जिले में इस मसले पर दिल्ली पुलिस व उत्तर प्रदेश पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की दोबारा उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें उत्तर प्रदेश पुलिस ने दंगाइयों की धरपकड़ में दिल्ली पुलिस का पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है। इसके बाद दोनों राज्यों की पुलिस ने चरणबद्ध तरीके से गिरफ्तारी को अंजाम देने की योजना तैयार की है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक दिल्ली पुलिस पहचाने गए सभी दंगाइयों को उत्तर प्रदेश पुलिस के माध्यम से नोटिस भिजवा चुकी है। हालांकि, गिरफ्तारी के डर से सभी अपने घरों से फरार हो गए हैं और मोबाइल भी बंद कर रखा है। कुछ दिन पूर्व भी इस मसले को लेकर उत्तर-पूर्वी जिले के सीलमपुर स्थित डीसीपी कार्यालय में दिल्ली व उत्तर प्रदेश पुलिस की अंतरराज्यीय समन्वय बैठक हुई थी। बेहद गोपनीय इस बैठक में दंगाइयों की धरपकड़ को लेकर दोनों राज्यों ने साथ मिलकर काम करने की योजना बनाई थी। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि कुछ दंगाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश खासतौर से मेरठ और गाजियाबाद से यमुनापार पहुंचे थे और ¨हसा करने के बाद वापस भाग गए थे। बैठक में मेरठ के आइजी प्रवीण कुमार, गाजियाबाद के एसपी समेत उत्तर प्रदेश के कई पुलिस अधिकारी शामिल हुए थे। इसमें मेरठ व गाजियाबाद के बॉर्डर इलाकों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालने की भी बात हुई ।
पिंजड़ा तोड़ संगठन पर भी कसा शिकंजा
दंगे भड़काने में डीयू के पिंजड़ा तोड़ संगठन की भूमिका सामने आने पर यह संगठन भी पुलिस के रडार पर आ गया है। गैर पंजीकृत यह संगठन दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रओं का है। इस संगठन पर शिकंजा कसने के लिए दिल्ली पुलिस ने गंभीरता से जांच शुरू कर दी है। सीसीटीवी फुटेज और मीडिया में आई फोटो के माध्यम से ऐसी छात्रओं की पहचान करने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक कुछ संदिग्ध छात्रओं की पहचान की गई है, जिन्हें जल्द ही पूछताछ के लिए पुलिस बुला सकती है।
सलमान के जरिये सबूतों की तलाश में पुलिस
आइबी के सिपाही अंकित शर्मा की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपित सलमान को क्राइम ब्रांच ने करावल नगर रोड , चांद बाग पुलिया के पास ले जाकर घंटों जांच पड़ताल की है। 25 फरवरी की दोपहर दंगाइयों ने अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या करने के बाद शव चांद बाग पुलिया के पास ही नाले में फेंक दिया था। 26 फरवरी को नाले से अंकित का नग्न शव बरामद हुआ था।
क्राइम ब्रांच की एसआइटी रविवार को सलमान को लेकर पहुंची और दंगे वाले दिन अंकित की हत्या को अंजाम दिए जाने के घटनाक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसके साथ ही यह भी पूछा कि अंकित को कहां से और कैसे लाए, इसके बाद किस जगह पर उनकी हत्या की गई। वहीं शव को नाले में फेकने में कितने लोग शामिल थे। क्राइम ब्रांच रिमांड पर लेकर सलमान से पूछताछ कर रही है। उसने अंकित शर्मा पर चाकू से तीन वार किए थे। इसके अलावा अन्य दंगाइयों ने भी उनको चाकू, लोहे की रॉड, डंडे व लात-घूसे मारे थे। सलमान मूलरूप से अलीगढ़ का रहने वाला है, लेकिन करीब दस वर्ष से नंदनगरी के पास स्थित सुंदर नगरी में रह रहा है। पूछताछ में इस बात का भी पता चला है कि 25 फरवरी की दोपहर आप के निलंबित निगम पार्षद ताहिर हुसैन के घर के सामने अंकित शर्मा सहित तीन लोगों को दंगाइयों ने दबोचा था। इनमें दो किसी तरह छूटकर भागने में सफल हो गए थे। सलमान के अलावा क्राइम ब्रांच ने अंकित हत्याकांड के पांच अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार कर चुकी है। उन्हें भी रिमांड पर लेकर क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही है।