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Gangs of Wasseypur जैसा है दिल्ली अनाज मंडी में कुरैशियों का ‘राज’, इसलिए नहीं होती कार्रवाई

Delhi Anaj Mandi Fire दिल्ली में अनाज मंडी के कुरैश नगर के दूसरे रास्ते पर 10 से 12 लोग हाथ में डंडे लेकर चौकीदारी कर रहे थे ताकि अवैध फैक्ट्रियों की पोल खुलने से बच जाएं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 01:13 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 02:30 PM (IST)
Gangs of Wasseypur जैसा है दिल्ली अनाज मंडी में कुरैशियों का ‘राज’, इसलिए नहीं होती कार्रवाई
Gangs of Wasseypur जैसा है दिल्ली अनाज मंडी में कुरैशियों का ‘राज’, इसलिए नहीं होती कार्रवाई

नई दिल्ली, शुजाउद्दीन। Delhi Fire : भारत में हर साल सामने आने वाली आग की दुर्घटनाओं में बहुत से लोग अपनी जान गंवाते हैं। इसके साथ ही व्यवसाय के लिए भी ये अग्निकांड बड़ा खतरा बनते जा रहे है। दिल्ली में अनाज मंडी का दूसरा रास्ता कुरैश नगर से आता है, जिस तरह से फिल्म गैंग ऑफ वासेपुर में कुरैशियों का राज चलता है, ठीक इसी तरह से यहां इनका दबदबा है। अवैध रूप से चल रही फैक्ट्रियां, जिनकी जमीन पर चल रही हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई करने से पुलिस व निगम के अफसर भी कतराते हैं।

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रविवार को ऐसा ही नजारा दिखाई दिया। दरअसल कुरैश नगर के दूसरे रास्ते पर 10 से 12 लोग हाथ में डंडे लेकर चौकीदारी कर रहे थे, ताकि अवैध फैक्ट्रियों की पोल खुलने से बच जाएं। इन दबंगों का काम मीडिया व अन्य लोगों को घटनास्थल तक पहुंचने से रोकना था।

फैक्ट्री चलाना कोई बड़ी बात नहीं है, सारी फैक्ट्रियां अवैध

घर-घर में फैक्ट्री, शनिवार को भी लगी थी आग

अनाज मंडी, बाड़ा हिंदू राव, कुरैश नगर सहित आसपास के इलाके का शायद ही कोई ऐसा घर होगा, जहां अवैध फैक्ट्री न चल रही हो। स्थानीय निवासियों के मुताबिक शनिवार को दिन में कुरैशनगर की एक फैक्ट्री के तीसरे मंजिल पर आग भी लगी थी। उन्होंने बताया कि कपड़ा, गत्ता, टोपी , खिलौना सहित कई तरह की फैक्ट्रियां यहां पर चल रही हैं। यहां के लोगों ने बताया कि फैक्ट्री चलाना कोई बड़ी बात नहीं है, सारी फैक्ट्रियां अवैध है। इन्हें चलाने के लिए पुलिस और निगम के अधिकारियों से सेटिंग करनी पड़ती है।

मोर्चरी के बाहर मृतकों की फोटो देख रो पड़े परिजन

भोर में हादसे का पता लगा, सुबह से तलाश शुरू हुई। यह ऐसी तलाश थी जो खत्म ही नहीं हो रही थी। सुबह से यहां से वहां अपनों की तलाश दोपहर बाद करीब पौने तीन बजे उनकी मौत की खबर के साथ खत्म हुई। दिन भर यह इंतजार था कि कहीं से घायल होने की खबर मिलेगी, लेकिन दोपहर बाद पौने तीन बजे जब एलएनजेपी अस्पताल की मोर्चरी के बाहर जब एक पुलिसकर्मी ने अग्निकांड में जान गंवा चुके लोगों की फोटो मोबाइल पर दिखानी शुरू की तो परिजनों की आंखें नम हो गईं। उत्तर प्रदेश और बिहार में रहने वाले मृतकों के परिजन को फोन पर सूचना देने के दौरान भी लोग फफककर रो पड़े।

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