Delhi Anaj Mandi Fire: सभी विभाग एक-दूसरे पर फोड़ रहे ठीकरा, 43 मौतों का जिम्मेदार कौन?
Delhi Anaj Mandi Fire फैक्ट्री में लगी आग से हुई 43 मौतों की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई विभाग आगे नहीं आ रहा है। 10 सवालों में समझें कौन है इस भयावह घटना के लिए जिम्मेदार।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। अनाज मंडी के अग्निकांड को लेकर लालफीताशाही सवालों के घेरे में है। हर विभाग खुद को सही साबित करते हुए दूसरे के पाले में गेंद फेंक रहा है। रविवार को फैक्ट्री में लगी आग से हुई 43 मौतों की जिम्मेदारी लेने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। राजनेताओं की तरह विभाग भी एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। लेकिन ऐसे कई सवाल हैं जो सीधे विभागों को कठघरे में खड़ा कर रहे हैं।
नगर निगम का जवाब- सर्वे में बंद मिली थी फैक्ट्री
घटना में सबसे पहले उत्तरी दिल्ली नगर निगम सवालों के घेरे में है, क्योंकि रिहायशी इलाकों में अवैध इकाइयों को बंद कराने की जिम्मेदारी सबसे पहले उसी की है। निगम केवल यह कहकर पीछा नहीं छुड़ा सकता कि सर्वे में फैक्ट्री बंद मिली थी।
खुद के जोन का यह हाल तो दूसरे जोन में क्या होगा
सवाल यह भी उठता है कि इस जोन की उपायुक्त वेदिता रेड्डी बतौर फैक्ट्री लाइसेंसिंग की उपायुक्त का कार्य भी देखती हैं। जब उनके खुद के जोन में यह हाल है तो पूरे उत्तरी निगम इलाके में क्या हाल होगा इसका अंदाजा इसी घटना से लगाया जा सकता है।
ये विभाग भी हैं जिम्मेदार
इसी तरह से अग्निशमन, श्रम विभाग और दिल्ली पुलिस की जिम्मेदारी भी बनती है। जिस इमारत में घटना हुई उसमें बड़ी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। ऐसे में श्रम विभाग को कैसे पता नहीं चला कि इतनी संख्या में मजदूर अवैध और असुरक्षित फैक्ट्री में काम कर रहे हैं। वहीं, दिल्ली पुलिस के स्थानीय बीट ऑफिसर को यह न पता हो कि यहां अवैध फैक्ट्री चल रही है, इसकी उम्मीद कम ही है।
अग्निकांड पर निगमायुक्त ने दिए जांच के आदेश
अनाज मंडी के अग्निकांड को लेकर उत्तरी दिल्ली नगर निगम की आयुक्त वर्षा जोशी ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अतिरिक्त आयुक्त संदीप जेकस को शुक्रवार तक जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। आयुक्त का कहना है कि वह जांच करवा रही हैं। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती वह कुछ नहीं कह सकतीं। निगमायुक्त ने सोमवार दोपहर घटनास्थल का दौरा भी किया। उनके साथ सदर पहाड़गंज जोन की उपायुक्त वेदिता रेड्डी भी थीं। पुलिसकर्मियों के साथ दोनों ने फैक्ट्री हर फ्लोर का जायजा लिया।
फैक्ट्री मालिक व मैनेजर को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा
अनाज मंडी अग्निकांड में 43 लोगों की मौत को लेकर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए फैक्ट्री के मालिक रेहान और मैनेजर फुरकान को सोमवार को तीस हजारी अदालत में पेश किया। पुलिस ने अदालत से आरोपितों से पूछताछ के लिए 14 दिन की रिमांड मांगी थी, जिसे अदालत ने मंजूर कर दिया।
एनएचआरसी ने दिया दिल्ली सरकार, निगम व पुलिस को नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने अनाज मंडी में अग्निकांड को ‘तबाही’ बताते हुए सोमवार को दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त और उत्तरी निगम के आयुक्त को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई, मृतक और घायलों के परिजनों को राहत व पुनर्वास की जानकारी देने को कहा गया है। एनएचआरसी ने मीडिया रिपोर्टो के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया है।
पढ़िए जिम्मेदार लोगों के जवाब
दिल्ली फायर सर्विस के निदेशक ने कहा-
रिहायशी क्षेत्र में अगर कोई व्यावसायिक गतिविधियां कर रहा है तो उसे दमकल विभाग अनापत्ति प्रमाण पत्र दे ही नहीं सकता। अधिकृत क्षेत्र में नियमों के आधार पर संबंधित एजेंसियां दमकल विभाग को एनओसी के लिए प्रस्ताव भेजती हैं तभी एनओसी दी जाती है।
अतुल गर्ग, निदेशक, दिल्ली फायर सर्विस
आप सांसद का जवाब
फैक्ट्री अनधिकृत तरीके से घर से चल रही थी। इस कारण यह दिल्ली नगर निगम का दायित्व है कि इसे बंद कराए। आखिर एमसीडी इस तरह की फैक्ट्रियों को कैसे चलने दे रहा है।
संजय सिंह, राज्यसभा सदस्य, आप
नगर निगम की स्थायी समिति के चेयरमैन का जवाब
हम लगातार अपना कार्य कर रहे हैं। शुक्रवार को ही हमने सर्वे का कार्य किया था। आगे की कार्रवाई होने वाली थी उससे पहले ही घटना हो गई। दिल्ली सरकार को बताना चाहिए कि 25 किलोवाट का बिजली का मीटर कैसे मिल रखा था।
जय प्रकाश, चेयरमैन, उत्तरी दिल्ली नगर निगम स्थायी समिति