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Delhi Air Pollution: दिल्ली में GRAP की तीसरा चरण लागू, CAQM की बैठक में लिए गए कई फैसला; लगाए नए प्रतिबंध

Delhi Air Pollution दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। सीएक्यूएम ने शनिवार को आपात बैठक बुलाकर ग्रेप के तीसरे चरण को लागू किया। जिस पर दिल्ली में नए प्रतिबंध लागू हो गए। आने वाले दिनों में दिल्ली का एक्यूआई 400-500 के बीच रहने वाला है।

By GeetarjunEdited By: Published: Sat, 29 Oct 2022 07:30 PM (IST)Updated: Sat, 29 Oct 2022 07:30 PM (IST)
Delhi Air Pollution: दिल्ली में GRAP की तीसरा चरण लागू, CAQM की बैठक में लिए गए कई फैसला; लगाए नए प्रतिबंध
दिल्ली में GRAP की तीसरा चरण लागू, CAQM की बैठक में लिए गए कई फैसला; लगाए नए प्रतिबंध

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है। वायु की गुणवत्ता भी 400 से ऊपर है, लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने शनिवार को दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को कम करने के लिए एक आपातकाली बैठक की। इस दौरान ग्रेप (GRAP, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का तीसरा चरण लागू किया गया है।

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बैठक में बताया गया कि आने वाले समय में दिल्ली एनसीआर का एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) बहुत खराब से गंभीर श्रेणी (401 और 500 के बीच AQI) के बीच रहने की संभावना है। CAQM की बैठक में ग्रेप के तीसरे चरण की पाबंदिया लागू कर दी गईं।

GRAP के तहत उपायों को लागू करने के लिए जिम्मेदार एजेंसियों और एनसीआर और डीपीसीसी के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (PCB) ने इस अवधि के दौरान जीआरएपी के तहत कार्रवाई के सख्त कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की सलाह दी।

कब लागू होता है GRAP का तीसरा चरण?

दिल्ली या दिल्ली सहित NCR में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब या गंभीर श्रेणी में हो तो तीसरा चरण लागू किया जाता है। इसके तहत कई प्रतिबंध लगाए जाते हैं।

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कौन से हैं प्रतिबंध?

  • जैसे निर्माण कार्य पर रोक, भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक।
  • ग्रेप में कुछ संशोधन भी किए गए हैं, जिस पर वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में होने पर चरण में BS-lll के पेट्रोल और BS-lV के डीजल चार पहिया वाहन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
  • दिल्ली में निर्माण कार्य और डिमोलिशन यानी इमारतों के गिराने पर रोक रहेगी।
  • ईंट भट्टों, हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर और एनसीआर में खनन और संबंधित गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
  • जहां धूल मिट्टी उड़ती है, वहां पानी का छिड़काव किया जाएगी।
  • अगर AQI गंभीर से ज्यादा हो ग्रेप का चौथा चरण लागू हो जाएगा, ऐसे में दिल्ली-एनसीआर में बीएस-IV, आपातकालीन सेवा की गाड़ियां और जरूरी सामान ढोने वाली गाड़ियों को छोड़ कर सभी चार पहिया वाहन पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।

सीएक्यूएम ने लोगों से भी प्रदूषण को रोकने में शामिल होने की अपील की है। लोगों से अपील में कहा कि वो एक दूसरे के वाहन का प्रयोग कर गंतव्य या ऑफिस जा सकते हैं। या फिर सार्वजनिक परिवहन, पैदल या साइकिल का उपयोग करें।

  • जिन लोगों को ऑफिस द्वारा घर से काम करने की अनुमति मिले वो घर से काम करें।
  • सर्दियों के समय कोयले या लकड़ी का कम प्रयोग करें।
  • घर के मालिकों से सुरक्षा कर्मचारियों को बिजली के हीटर का प्रयोग करने की सलाह दी गई है, ताकि वो खुले में अलाव न जलाएं और धुआं न हो।
  • जितना कम हो सके कम यात्रा करें और सिर्फ काम के लिए ही बाहन निकलें।

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता

दिल्ली के आनंद विहार इलाके में शनिवार को 457 एक्यूआई रहा, जो गंभीर श्रेणी है। राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार नोएडा में भी AQI गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के आंकड़ों के मुताबिक, दोपहर में दिल्ली की वायु गुणवत्ता 381 जो 'बेहद खराब' श्रेणी में थी। दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र में, हवा की गुणवत्ता 399 थी, वह भी 'बहुत खराब' श्रेणी में।

मथुरा रोड पर एक्यूआई 380, गुरुग्राम में 349, नोएडा गंभीर श्रेणी (411) के एक्यूआई के साथ सबसे खराब था।

AQI से वायु प्रदूषण का चलता है पता

वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) एक नंबर होता है जिसके जरिए हवा की गुणवत्ता को आंका जाता है। इससे वायु में मौजूद प्रदूषण के स्तर का भी पता लगाया जाता है। एक्यूआई की रीडिंग के आधार पर हवा की गुणवत्ता को छह कैटेगरी में बांटा गया है। शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा, 51 और 100 संतोषजनक, 101 और 200 मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, और 401 और 500 के बीच AQI को गंभीर माना जाता है।


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