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AIIMS में इलाज कराने वाले हजारों मरीजों को इस साल मिलने जा रही बड़ी राहत

डा. हर्षवर्धन ने कोरोना के खिलाफ अभियान में एम्स की भूमिका की सराहना की। इस दौरान एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने संस्थान के विस्तार परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एम्स में मौजूदा समय में 2792 बेड है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 06:00 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 06:00 PM (IST)
AIIMS में इलाज कराने वाले हजारों मरीजों को इस साल मिलने जा रही बड़ी राहत
डा. पूनम खेत्रपाल ने डिग्री हासिल करने वाले डाक्टरों का उत्साह बढ़ाया।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। एम्स में इस साल पांच नए सेंटर शुरू होंगे। जिसमें तीन सेंटर (सर्जरी ब्लॉक, मातृ व शिशु ब्लॉक और बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक) बनकर तैयार है। इन तीनों ब्लॉक में जल्द चिकित्सा सुविधा शुरू हो जाएगी। इसके अलावा बुजुर्गों के इलाज के लिए जेरियाट्रिक ब्लॉक और नया प्राइवेट वार्ड निर्माणाधीन है। ये दोनों ब्लॉक भी इस साल तैयार हो जाएंगे और साल के अंत तक इनमें भी चिकित्सा सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे एम्स में 1038 बेड बढ़ जाएंगे। लिहाजा, चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार होगा और बेड क्षमता बढ़कर 3830 हो जाएगी। इससे मरीजों के इलाज में सुविधा होगी। यह बात सोमवार को एम्स के दीक्षा समारोह मेें सामने आई।

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संस्थान के 47वें दीक्षा समारोह में एमबीबीएस, मेडिकल स्नातकोत्तर, सुपर स्पेशियलिटी, बायोटेक्नोलॉजी व नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने वाले 1430 छात्रों को डिग्रियां दी गई। इस वर्चुयल दीक्षा समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे व विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम खेत्रपाल ने डिग्री हासिल करने वाले डाक्टरों का उत्साह बढ़ाया।

डा. हर्षवर्धन ने कोरोना के खिलाफ अभियान में एम्स की भूमिका की सराहना की। इस दौरान एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने संस्थान के विस्तार परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एम्स में मौजूदा समय में 2792 बेड है। 425 बेड का मातृ व शिशु ब्लॉक बनकर तैयार है। मार्च तक इस ब्लॉक में इलाज की सुविधा शुरू हो जाएगी। इससे बच्चों व महिलाओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी। वहीं सर्जरी ब्लॉक भी बनकर तैयार है। अगले कुछ माह में सर्जरी ब्लॉक में इलाज शुरू हो जाएगा।

देश के पहले जेरियाट्रिक ब्लॉक का 80 फीसद काम पूरा

एम्स ट्रॉमा सेंटर में नया बर्न प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक बनकर तैयार है। इसे कोरोना के इलाज के लिए इमरजेंसी की स्थिति में बैकअप के रूप में तैयार रखा गया है। इसके अलावा जेरियाट्रिक ब्लॉक का 80 फीसद काम पूरा हो गया है। साल के अंत तक इसमें भी इलाज शुरू हो जाएगा। यह देश का पहला ऐसा सेंटर होगा जहां एक छत के नीचे बुजुर्गों के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा एक नया प्राइवेट वार्ड भी तैयार हो जाएगा।

स्वास्थ्य का बजट जीडीपी का ढ़ाई फीसद हो निर्धारित: डा. पूनम खेत्रपाल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में स्वास्थ्य का बजट डीजीपी का ढ़ाई फीसद निर्धारित करने की वकालत की है। एम्स के दीक्षा समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम खेत्रपाल ने आयुष्मान भारत योजना को केंद्र सरकार का साहसिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य का बजट जीडीपी का 2.5 फीसद करने की प्रतिबद्धता जताई है। इस पर अमल होने से कोरोना की महामारी से निपटने में मदद मिलेगी।

पांच सेंटर जो इस साल होंगे शुरू

1. सर्जरी ब्लॉक- 200 बेड, 12 ऑपरेशन थियेटर।

2. मातृ व शिशु ब्लॉक- 425 बेड, 12 ऑपरेशन थियेटर।

3. बर्न व प्लास्टिक सर्जरी ब्लॉक- 100 बेड।

4. प्राइवेट वार्ड- 113 बेड, 80 फीसद निर्माण पूरा। तीन माह में पूरा होगा काम।

5. जेरियाट्रिक ब्लॉक- 200 बेड, 80 फीसद काम पूरा। दिसंबर तक शुरू करने का लक्ष्य। 

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