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Delhi AIIMS: वेटिंग के रोग की सर्जरी में बाधक बन रहे बंद आपरेशन थियेटर, 24 में से आठ में ही सर्जरी शुरू

Delhi AIIMS एम्स में अब दो पालियों में आपरेशन थियेटर (ओटी) चलाने के प्रयास भी हो रहे हैं लेकिन आपरेशन थियेटरों में आवश्यक उपकरण न उपलब्ध करा पाने के कारण नए बने 12 ओटी में से आठ में सर्जरी शुरू ही नहीं हो सकी है।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Thu, 06 Oct 2022 10:36 PM (IST)Updated: Thu, 06 Oct 2022 10:36 PM (IST)
Delhi AIIMS: वेटिंग के रोग की सर्जरी में बाधक बन रहे बंद आपरेशन थियेटर, 24 में से आठ में ही सर्जरी शुरू
Delhi AIIMS: यदि सभी ओटी का संचालन सुनिश्चित हो तो सर्जरी की क्षमता दोगुनी हो जाएगी।

नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। Delhi AIIMS: देशभर के मरीजों को गुणवत्ता वाला इलाज देने के लिए जाना जाने वाला एम्स अपनी बरसों की बीमारी का इलाज नहीं कर पा रहा है। देश के इस सर्वाधिक प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान में इलाज और सर्जरी की वेटिंग एक ऐसा रोग है, जिसके इलाज में एम्स अब तक विफल साबित होता रहा है। स्थिति यह है कि इसके लिए कई पहल हुईं। कई अलग-अलग सेंटर बने।

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करोड़ों की लागत से नया सर्जरी ब्लाक भी बना। अब दो पालियों में आपरेशन थियेटर (ओटी) चलाने के प्रयास भी हो रहे हैं, लेकिन आपरेशन थियेटरों में आवश्यक उपकरण न उपलब्ध करा पाने के कारण नए बने 12 ओटी में से आठ में सर्जरी शुरू ही नहीं हो सकी है। यही नहीं, मुख्य अस्पताल के भी चार ओटी ठप हो गए हैं। सभी ओटी का संचालन शुरू न हो पाने के कारण नए सर्जरी ब्लाक में चिकित्सा सुविधा शुरू होने के बावजूद सर्जरी की वेटिंग दूर करने में खास मदद नहीं मिल सकी है।

मुख्य अस्पताल में पहले से 12 ओटी हैं। वहीं 200 बेड की क्षमता वाले नए सर्जरी ब्लाक में 12 अत्याधुनिक ओटी बनाए गए। इस तरह दोनों ब्लाक को मिलाकर 24 ओटी उपलब्ध हो गए हैं, जिनमें से 12 ओटी वर्तमान समय में बंद पड़े हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एम्स के एक वरिष्ठ डाक्टर ने बताया कि सर्जरी ब्लाक में मरीजों के आपरेशन की सुविधा शुरू होने से पहले मुख्य अस्पताल में 12 ओटी चलते थे। अभी दोनों जगहों को मिलकर भी 12 ही ओटी चल पा रहे हैं।

यदि सभी ओटी का संचालन सुनिश्चित हो तो सर्जरी की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। इससे जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक सर्जरी, यूरोलाजी, गैस्ट्रोइंटेरोलाजी इत्यादि विभागों में सर्जरी की वेटिंग की बीमारी काफी हद तक दूर हो जाएगी। अभी मरीजों को सर्जरी के लिए कई माह तक इंतजार करना पड़ता है। किडनी प्रत्यारोपण के लिए एक से डेढ़ साल तक की वेटिंग है।

मौजूदा समस्या का कारण नए सर्जरी ब्लाक के लिए उपकरणों की खरीद में आ रही अड़चन है। नए ब्लाक के 12 ओटी के लिए 12 एनेस्थीसिया मशीन खरीदने की योजना है। चिकित्सा उपकरणों की खरीद में देश में निर्मित उपकरणों को वरियता देने की शर्त के कारण अब तक एनेस्थीसिया मशीन खरीदी नहीं जा सकी है, इसलिए मुख्य अस्पताल के ओटी ब्लाक के चार ओटी से चार मशीनें नए सर्जरी ब्लाक में स्थानांतरित की गईं। इससे करीब साढ़े तीन माह पहले नए सर्जरी ब्लाक में चार ओटी में सर्जरी की सुविधा तो शुरू हो गई, लेकिन मुख्य अस्पताल में चार ओटी में सर्जरी ठप हो गई।

एम्स के निदेशक डा. एम. श्रीनिवास ने बृहस्पतिवार को सर्जरी ब्लाक का निरीक्षण किया, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि वह इस गंभीर समस्या की तरफ भी ध्यान देंगे। इस बारे में एम्स के चिकित्सा अधीक्षक डा. डीके शर्मा से बात करने की कोशिश की गई, उन्हें मैसेज भी किया गया लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। नए सर्जरी ब्लाक में आठ ओटी बंद होने के मामले पर ब्लाक के प्रभारी डा. सुनील चुंबर से भी बात करने की कोशिश की गई, उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया।

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