Delhi AIIMS में ऑपरेशन कराने वाले मरीजों के लिए राहत, जल्द ही दो शिफ्ट में होंगी सर्जरी
एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने पहल की है। उन्होंने अस्पताल के मुख्य ओटी प्रबंधन से दो पालियों में ओटी चलाने की सिफारिश की है। पहली पाली में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक और दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से रात आठ बजे तक।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। एम्स में सर्जरी में वेटिंग की समस्या दूर करने के लिए एक बार फिर दो पालियों में आपरेशन थियेटर (ओटी) चलाने का मामला उठा है। इस बार बाकायदा एम्स के निदेशक डा. एम श्रीनिवास ने पहल की है। उन्होंने अस्पताल के मुख्य ओटी प्रबंधन से दो पालियों में ओटी चलाने की सिफारिश की है। पहली पाली में सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक और दूसरी पाली में दोपहर दो बजे से रात आठ बजे तक का समय भी निर्धारित कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार एम्स में दो पालियों में ओटी का संचालन जल्द शुरू हो सकता है। इससे 12 घंटे ओटी का संचालन संभव हो सकेगा और सर्जरी में वेटिंग की समस्या दूर होगी।
छह महीने से पांच साल की है वेटिंग
कोरोना से पहले एम्स में साल भर में दो लाख मरीजों की सर्जरी व प्रोसीजर होता था। फिर भी एम्स के अलग-अलग विभागों में सर्जरी के लिए छह माह से पांच साल तक की वेटिंग है। सबसे ज्यादा वेटिंग कार्डियक व न्यूरो सर्जरी में हैं। हृदय की बीमारियों से पीड़ित कई मरीजों को सर्जरी के लिए पांच वर्ष बाद की तारीख दी जाती है। पिछले साल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया द्वारा गठित डाक्टरों की कमेटी ने दो पालियों में ओटी चलाने की सिफारिश की थी लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ।
सफदरजंग और आरएमएल में बढ़ी ओटी की टाइमिंग
हाल ही में सफदरजंग और आरएमएल अस्पताल में सर्जरी की वेटिंग कम करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर ओटी संचालन का समय बढ़ाया गया है। एम्स में मरीजों का दबाव और सर्जरी में वेटिंग की समस्या अधिक है। इसलिए माना जा रहा है कि इस बार दो पालियों में सर्जरी की सुविधा शुरू होगी। इसकी शुरुआत मुख्य अस्पताल की ओटी से होगी, जहां 12 आपरेशन थियेटर हैं। इसमें जीआई (गैस्ट्रोइंटेरोलाजी) सर्जरी, यूरोलाजी व पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के मरीजों का आपरेशन होता है। इसके बाद कार्डियक सेंटर व न्यूरो
सेंटर में भी यह व्यवस्था लागू हो सकती है।
मरीजों के बैठने व खाने पीने की होगी व्यवस्था
मुख्य अस्पताल के आठवीं मंजिल पर मुख्य ओटी ब्लाक है। ओटी के आसपास अनधिकृत लोगों का प्रवेश रोकने के लिए एंट्री प्वाइंट पर एक माह में चेहरे की पहचान का सिस्टम और लिफ्ट के दरवाजे पर आरएफआइडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) टैग लगाया जाएगा। ओटी में निजी वेंडर व प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को भी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। ओटी में किसी उपकरण को ठीक करने के लिए कम से कम लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके। इसके अलावा एम्स निदेशक ने सर्जरी के लिए पहुंचे मरीजों के तीमारदारों के लिए छठवीं व सातवीं मंजिल पर एक सप्ताह के भीतर 20-20 कुर्सियां लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही उनके खानपान के लिए दो सप्ताह में कियोस्क भी लगाए जाएंगे।
ओटी में ड्यूटी के दौरान रहना होगा मुस्तैद
ड्यूटी के दौरान ओटी कर्मचारियों व डाक्टरों को मुस्तैद रहना होगा। डा. एम श्रीनिवास ने निर्देश दिया है कि वे ड्यूटी छोड़कर कर्मचारी स्वास्थ्य योजना (ईएचएस) के तहत डाक्टर को दिखाने या दवा लेने नहीं जा सकते। उनकी जरूरतों के लिए ओटी में ही व्यवस्था की जाएगी।