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डूसू अध्यक्ष अंकिव समेत बुद्धिस्ट स्टडीज के सभी छात्रों की डिग्री की होगी जांच

डूसू अध्यक्ष अंकिव बैसोया पर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने फर्जी डिग्री का इस्तेमाल कर एमए बुद्धिस्ट स्टडीज पाठ्यक्रम में दाखिला लेने का आरोप लगाया है।

By Edited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 07:46 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 08:36 PM (IST)
डूसू अध्यक्ष अंकिव समेत बुद्धिस्ट स्टडीज के सभी छात्रों की डिग्री की होगी जांच
डूसू अध्यक्ष अंकिव समेत बुद्धिस्ट स्टडीज के सभी छात्रों की डिग्री की होगी जांच

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बैसोया पर नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने फर्जी डिग्री का इस्तेमाल कर एमए बुद्धिस्ट स्टडीज पाठ्यक्रम में दाखिला लेने का आरोप लगाया है। इस संबंध में बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रोफेसर योगेश त्यागी को एनएसयूआइ की तरफ से शिकायत भी दी गई थी।

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इसके बाद विभाग ने सोमवार को दाखिला समिति की बैठक बुलाई, जिसमें यह फैसला लिया गया कि बुद्धिस्ट स्टडीज पाठ्यक्रम में अंकिव समेत जिन विद्यार्थियों ने दाखिला लिया है, उन सभी की डिग्री की जांच की जाएगी। इसमें समय लगेगा। जांच पूरी होने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन से राय ली जाएगी कि आगे क्या करना है।

विद्यार्थियों की ओर से लिखित और मौखिक शिकायतें मिलीं
बुद्धिस्ट स्टडीज विभाग के प्रमुख प्रो. केटीएस सराओं ने कहा कि किसी एक ही विद्यार्थी के खिलाफ कार्रवाई करना ऊचित नहीं है। हमें विद्यार्थियों की ओर से हमारे विभाग में फर्जी डिग्री से एमए पाठ्यक्रम में दाखिले लेने की लखित और मौखिक रूप से शिकायतें मिली हैं। इसलिए हमने इस साल एमए में दाखिला लेने वाले सभी विद्यार्थियों की डिग्री की जांच करने का फैसला किया है।

यह काम विश्वविद्यालय का है, मीडिया फैसला नहीं कर सकता
प्रो. सराओं ने कहा कि मीडिया में अंकिव मामले में कई खबरें आई कि उनकी डिग्री फर्जी है। इसका फैसला मीडिया नहीं कर सकता। विश्वविद्यालय प्रशासन को यह देखना है कि किसी विद्यार्थी की डिग्री फर्जी है या नहीं। इसकी जांच प्रशासन करेगा और उसके बाद कोई ऊचित निर्णय लिया जाएगा। जांच के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन से राय ली जाएगी कि आगे क्या करना है।

एनएसयूआइ के पूर्व संयुक्त सचिव की भी हुई थी शिकायत
प्रो. सराओं ने कहा कि हमारे विभाग की तरफ से इस साल जनवरी में एनएसयूआइ के पूर्व संयुक्त सचिव एवं संगठन के सदस्य अक्षय कुमार द्वारा दाखिला लेने में फर्जी डिग्री के इस्तेमाल के संबंध में पुलिस में शिकायत की गई थी। अक्षय ने हमारे विभाग में हिमाचल प्रदेश की किसी विश्वविद्यालय से इंगलिश लिट्रेचर में एमए की डिग्री दिखाकर बुद्धिस्ट स्टडीज में पीएचडी पाठ्यक्रम में दाखिला लिया था। आठ महीने से इस मामले में पुलिस ने कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि हमने इसके बाद भी अक्षय का दाखिला रद नहीं किया है क्योंकि दाखिला रद करने की एक पूरी प्रक्रिया होती है।


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