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Delhi EV Policy: दिल्ली में इस साल के अंत तक 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन तैयार हो जाएंगे : गहलोत

Delhi EV Policy कैलाश गहलोत ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने के लिए प्रत्येक चार्जिंग प्वाइंट के लिए छह हजार रुपये तक की सब्सिडी ली जा सकती है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 14 Mar 2021 01:40 PM (IST)Updated: Sun, 14 Mar 2021 01:40 PM (IST)
Delhi EV Policy: दिल्ली में इस साल के अंत तक 100 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन तैयार हो जाएंगे : गहलोत
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत की फाइल फोटो

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। दिल्ली सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बड़े स्तर पर चार्जिंग स्टेशन तैयार करने की रणनीति पर काम कर रही है। सरकार की मानें तो दिल्ली में 31 दिसंबर तक विभिन्न प्रमुख स्थानों पर 500 चार्जिंग प्वाइंट वाले 100 चार्जिंग स्टेशन तैयार हो जाएंगे। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को कहा कि इसके लिए भारत में अब तक का सबसे बड़ा टेंडर निकाला गया है। दिल्ली चार्जिंग स्टेशन के मामले में देश का नेतृत्व करेगी।

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उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रत्येक तीन किलोमीटर की दूरी पर चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने की दूरगामी सोच से लोगों में भरोसा बढ़ेगा और वे इलेक्ट्रिक वाहन खरीदेंगे। उन्होंने बताया कि सरकार मोबाइल एप भी बना रही है, जिसके जरिये सभी चार्जिंग स्टेशनों का स्थान और चार्जर की स्थिति को वास्तविक पर समय देखा जा सकेगा।

कैलाश गहलोत ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने के लिए प्रत्येक चार्जिंग प्वाइंट के लिए छह हजार रुपये तक की सब्सिडी ली जा सकती है। वहीं सार्वजनिक उपयोग के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए कई इलेक्ट्रिक वाहनों के आपरेटरों जैसे इलेक्ट्रिक कैब, रिक्शा चालकों से बातचीत की जा रही है। यह लाभदायक प्रस्ताव है, क्योंकि चार्जिंग ढांचे में निवेश से आपरेटरों को बेहतर रिटर्न मिल सकेगा।

बिजली कंपनियों के खातों की जांच कराए सरकार: कांग्रेस

वहीं, कांग्रेस ने दिल्ली सरकार से निजी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) के खातों की जांच कराने की मांग की है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि डिस्काम अलग-अलग शुल्क के रूप में उपभोक्ताओं से पैसे वसूल रहीं हैं। इसकी जांच जरूरी है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सत्ता में आने से पहले डिस्काम के खातों की जांच कराने की बात करती थी। लेकिन, सत्ता में आने के बाद खातों की जांच कराने के बजाय सरकार उन्हें सब्सिडी देकर लाभ पहुंचा रही है। डिस्काम बिजली की दरों व अन्य शुल्क बढ़ाने की मांग कर रही हैं, जिसका कांग्रेस विरोध करती है।


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