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कोरोना के कारण रामलीला पर उहापोह, पर फिजाओं में गूंजने लगे संवाद

नवरात्र में होने वाले प्रसिद्ध रामलीलाओं के आयोजन पर कोरोना के कारण उहापोह बरकरार है। पर फिजाओं में मंचन का संवाद गूंजने लगा है। कलाकार जोरशोर से अभ्यास में जुट गए हैं। वैसे इस अभ्यास में कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के जारी दिशानिर्देशों का ख्याल रखा जा रहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 10:09 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 10:09 PM (IST)
कोरोना के कारण रामलीला पर उहापोह, पर फिजाओं में गूंजने लगे संवाद
रामलीला की तैयारी करते हुए कलाकार। फोटो- जागरण।

नई दिल्ली, नेमिष हेमंत। नवरात्र में होने वाले प्रसिद्ध रामलीलाओं के आयोजन पर कोरोना के कारण उहापोह बरकरार है। पर फिजाओं में मंचन का संवाद गूंजने लगा है। कलाकार जोरशोर से अभ्यास में जुट गए हैं। वैसे, इस अभ्यास में कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के जारी दिशानिर्देशों का ख्याल रखा जा रहा है। वहीं, पहली बार वर्चुअल माध्यम का भी इस्तेमाल हो रहा है। इसके जरिए दिल्ली के साथ ही मुंबई, मुरादाबाद व बरेली के कलाकार एक साथ जुड़ रहे हैं और अभ्यास कर रहे हैं। यह आपदा का वक्त है, लोग खुद के साथ अपने करीबियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है। पर यह पीड़ा इन कलाकारों के संवाद अदायगी में नहीं है। क्योंकि, किरदार में ढलते और मंच पर आते ही कलाकार किरदार में जीने लगते हैं। वैसे भी बात प्रभु राम की है।

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कश्मीरी गेट स्थित अग्रसेन भवन में थियेटर ग्रुप मां सरस्वती कला मंच के कलाकार शिद्दत से अभ्यास में जुटे हैं। महा प्रतापी रावण की अट्ठाहस है तो राम का माधुर्य लिए संवाद। थियेटर ग्रुप के निदेशक नवीन छैला ने बताया कि एक हफ्ते से अभ्यास चल रहा है। इसमें कोरोना के कारण शारीरिक दूरी का ख्याल रखते हुए उन्हीं कलाकाराें को बुलाया जा रहा है, जिनका संवाद होता है। इसलिए एक दिन में 20 से 30 कलाकारों को ही बुलाया जा रहा है, जबकि मंचन में कुल 300 से अधिक लोग की टीम होती है।

इसमें संगीतकार भी होते हैं। यह ग्रुप लालकिला में वर्षों से रामलीला का आयोजन करने वाली लवकुश रामलीला से जुड़े हैं। नवीन छैला ने कहा कि अभी रामलीला मंचन को लेकर उहापोह है क्योंकि इसे लेकर केंद्र सरकार की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) नहीं आई है। वहीं, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 30 सितंबर तक सभी प्रकार के आयोजन पर रोक लगा रखी है।

लालकिला में ही एक मंचित होने वाले एक अन्य रामलीला नवश्री धार्मिक के कलाकार इन दिनों वर्चुअल प्लेटफार्म जूम पर अभ्यास कर रहे हैं। ये कलाकार दिल्ली के अलावा मुंबई, मुरादाबाद व बरेली से हैं। इस टीम के निर्देशक अमितोष कहते हैं कि यह स्पष्ट है कि इस बार मंच पर कलाकारों की मौजूदगी कम होगी। इसलिए कम कलाकारों से अभ्यास किया जा रहा है, क्योंकि मंच पर शारीरिक दूरी का ख्याल भी रखना है।

अमितोष पीतमपुरा में राम लखन धार्मिक सभा के रामलीला मंचन का भी निर्देशन संभालते हैं। वह कहते हैं कि हर कोई चाहता है कि रामलीला की यह वर्षों पुरानी परंपरा बरकरार रहे। इसलिए इसे कराने की हर कोई भरसक कोशिश में है। हालांकि, काफी कुछ चीजेंं सरकार का रुख व कोरोना की स्थिति तय करेंगी। वैसे, हम लोग चाहते हैं कि मंचन हो। भले ही यह 11 दिन की न होकर कुछ दिन की ही हो।

मंचन को लेकर सरकार से स्पष्टता चाहित हैं समितियां

रामलीला मंचन को लेकर कुछ समितियों ने अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी है। मैदान की बुकिंग के साथ अन्य जरूरी मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया गया है। पर अभी तक सरकार का रुख स्पष्ट नहीं है। रामलीला महासंघ के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल कहते हैं कि इस पर सरकारों को स्थिति जल्द स्पष्ट करनी चाहिए। क्योंकि इसकी तैयारी में काफी वक्त चाहता है। वहीं, अब एक माह से कम का वक्त बचा है। वहीं, नवयुवक रामलीला समिति के महामंत्री व पूर्व महापौर जत्थेदार अवतार सिंह ने उपराज्यपाल को भी पत्र लिखा है।

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