प्रकाश जारवाल के वॉइस सैंपल लेकर ऑडियो क्लिप से मिलान के बाद केस में आ सकता है अहम मोड़
लिहाजा प्रकाश जारवाल के वॉइस सैंपल लेकर ऑडियो क्लिप से मिलान कराया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने वॉइस सैंपल की इजाजत दे दी थी।
नई दिल्ली [विनीत]। दक्षिण दिल्ली के एक डॉक्टर की खुदकशी के मामले में गिरफ्तार किए गए आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल की नियमित जमानत याचिका पर राउज एवेंयू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया। विशेष न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई की। उन्होंने जारवाल एवं पुलिस का पक्ष सुनने के बाद कहा कि अदालत 28 मई को आदेश पारित करेगी।
क्या है पूरा मामला
दक्षिण दिल्ली दुर्गा विहार निवासी 52 वर्षीय डॉक्टर ने 18 अप्रैल को खुदकशी कर ली थी और इसके लिए जारवाल को जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस का आरोप है कि पानी के टैंकर की सप्लाई के काम में शामिल जारवाल और उनके सहयोगी पानी के टैंकर के मालिकों एवं डॉक्टर से जबरल वसूली करते थे। जारवाल के सहयोगी कपिल नागर मामले में सह-आरोपित हैं।
केस में अब तक क्या हुआ
प्रकाश जारवाल को आठ दिन की पुलिस कस्टडी के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में तिहाड़ भेज दिया गया था। इससे पहले दिल्ली पुलिस ने साकेत कोर्ट को बताया था कि प्रकाश जारवाल और आत्महत्या करने वाले डॉक्टर के बीच हुई बातचीत की कुछ ऑडियो क्लिप उनके पास है। लिहाजा प्रकाश जारवाल के वॉइस सैंपल लेकर ऑडियो क्लिप से मिलान कराया जाएगा। इसके बाद कोर्ट ने वॉइस सैंपल की इजाजत दे दी थी।
क्या है विधायक पर आरोप
जारवाल पर डॉक्टर राजेंद्र सिंह को खुदकशी के लिए उकसाने का आरोप है। डॉक्टर के पास से मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्हें स्थानीय विधायक की ओर से लगातार परेशान किया जा रहा था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विधायक प्रकाश जारवाल व अन्य लोगों के खिलाफ जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया था।
विधायक की आवाज होने का दावा
डॉक्टर राजेंद्र सिंह के बेटे हेमंत ने पुलिस को बताया था कि उसके पिता क्लिनिक चलाते थे और पानी की सप्लाई के काम में भी लगे हुए थे। हेमंत ने कहा कि उसके पिता को आप विधायक प्रकाश जारवाल और उसके लोग परेशान करते थे। परिजनों ने फोन पर धमकी का ऑडियो भी पुलिस को सौंपा था। इसमें विधायक की आवाज होने का दावा किया गया था।