Delhi News: बिना सिर के नहर से मिला लापता युवक का शव, परिजनों ने प्रेम-प्रसंग में लगाया हत्या का आरोप
गाजीपुर इलाके में कोंडली नहर से बिना सिर का शव मिलने से सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान प्रतीक शर्मा के रूप में हुई है जोकि घड़ोली डेयरी फार्म मयूर विहार फेज-तीन में रहते थे। पिछले एक माह से घर से गायब थे।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। गाजीपुर इलाके में कोंडली नहर से बिना सिर का शव मिलने से सनसनी फैल गई। मृतक की पहचान प्रतीक शर्मा के रूप में हुई है, जोकि घड़ोली डेयरी फार्म मयूर विहार फेज-तीन में रहते थे। पिछले एक माह से घर से गायब थे। कपड़े और जूतों से स्वजन ने उनकी पहचान हुई है।
मृतक के स्वजन का आरोप है कि प्रेम प्रसंग के चलते प्रतीक की हत्या की गई है। उधर, पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है। तर्क दे रही है कि शव काफी दिनों तक पानी में पड़े रहने की वजह से गल कर क्षत-विक्षत हो गया। किसी जानवर ने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया होगा।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पोस्टमार्टम के बाद शव मृतक के स्वजन का दे दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। सिर की तलाश भी की जा रही है।
मृतक प्रतीक के पिता अशोक शर्मा घर के पास परचून की दुकान चलाते हैं। उनकी मां आशा शर्मा दुकान में हाथ बंटाती हैं। प्रतीक की दो बहनें हैं। उनके चाचा मनोज शर्मा का केमिकल का कारोबार है। वह चाचा के यहां मार्केटिंग की जाब करते थे। 25 मई को काम के सिलसिले में वह रेवाड़ी के कसौला थाना क्षेत्र में एचएसआइआइडीसी सेक्टर-छह स्थित कंपनी में गए थे।
वहां से निकलते वक्त उनकी आखिरी बार स्वजन से बात हुई थी, लेकिन घर नहीं लौटे। फिर उनका मोबाइल फोन भी बंद हो गया। ऐसा होने पर स्वजन गाजीपुर थाने पहुंचे, वहां पूरी बात सुनने के बाद मामला हरियाणा का बताकर उन्हें रेवाड़ी पुलिस से संपर्क साधने को कह दिया गया।
दो दिन बाद मनोज ने ही अपने भतीजे के गायब होने की रिपोर्ट रेवाड़ी के कसौला थाने में लिखवाई थी। एक माह तक प्रतीक का कुछ पता नहीं चला। शुक्रवार को बिना सिर का शव कोंडली नहर में पड़ा होने की सूचना पुलिस को मिली। शव बहुत की खराब हालत में था। उसकी पहचान नहीं हो पा रही थी। कपड़ों में मृतक का मोबाइल भी मिला था। शनिवार को मृतक की पहचान हो सकी।
मां की काल आइ तो हुई पहचान
जब से प्रतीक गायब हुआ, उनकी मां आशा शर्मा रोजाना कई बार उनके मोबाइल नंबर पर काल करती थीं। हर बार मोबाइल फोन बंद जाता था। शनिवार को फिर से उन्होंने काल किया तो घंटी गई। उन्हें उम्मीद बंधी की प्रतीक मिल जाएगा। जैसे ही फोन उठा तो गाजीपुर थाने के पुलिस कर्मी से उनकी बात हुई।
पुलिस कर्मी ने उन्हें बताया कि यह जूते,मोबाइल फोन कोंडली नहर मिले शव के कपड़ों से मिला है। यह सुनकर आशा शर्मा का कलेजा फट गया। वह जोर से रो पड़ीं। इस पर घर के बाकी सदस्य आए, तब आशा ने पूरी बात बताई। सभी थाने पहुंचे तो कपड़े, जूते, बेल्ट, मोबाइल और ईयर फोन से शव की पहचान प्रतीक के रूप में हुई।
हत्या बता रहे स्वजन
मृतक के चाचा के बेटे नमन शर्मा का आरोप है कि प्रतीक की हत्या कर शव नहर में फेंक दिया गया। नमन ने बताया कि प्रतीक ने 24 मई की रात साढ़े आठ बजे कोंडली में एक मोमोज विक्रेता को यूपीआइ से भुगतान किया है। इसका मतलब वह कोंडली तक आ चुका था।
साथ ही बताया कि उसकी साढ़े नौ बजे की आखिरी लोकेशन गाजियाबाद के वैशाली में थी। यहीं पर प्रतीक की गर्लफ्रेंड रहती है। उनका कहना है कि नहर भी वैशाली के रास्ते ही आती है। ऐसे में यह आत्महत्या नहीं हत्या का मामला है। नमन का आरोप है कि शव की पहचान न हो सके, इसलिए हत्या करने वालों ने सिर धड़ से अलग कर दिया।