जेठमलानी v/s जेटलीः केजरीवाल के वकील ने फिर कसे तंज, वित्तमंत्री रहे शांत
जेठमलानी ने वित्तमंत्री से कई विवादित सवाल पूछे। वित्तमंत्री ने शांत रहते हुए कहा कि श्रीमान केजरीवाल ने दुर्भावना के साथ झूठ बोलकर मानहानि का गंभीर कृत्य किया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। वित्त मंत्री अरुण जेटली व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच मानहानि मामले में दूसरे दिन मंगलवार को हाई कोर्ट में जोरदार जिरह हुई। जहां वयोवृद्ध वकील राम जेठमलानी ने तंज कसते हुए कई बार जेटली को अपने तीखे सवालों में घेरने का प्रयास किया।
वहीं, दिग्गज नेता जेटली ने बड़ी ही सहजता व शालीनता से उनके प्रत्येक सवाल का उत्तर दिया। करीब दो घंटे चली बहस में दोनों पक्षों में जमकर कानूनी दांव-पेच चलें। सुबह करीब 11.30 बजे संयुक्त रजिस्ट्रार अमित कुमार के समक्ष जिरह शुरू हुई थी।
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दोनों ही पक्षों के वकीलों ने कई सवालों और जवाबों का विरोध किया। जेटली के वकीलों ने इनमें से कुछ को बदनाम करने वाला बताया। रजिस्ट्रार ने अगली तारीख 15 व 17 मई तय की है।
जानें रामजेठ मलानी ने क्या पूछे सवाल और अरुण जेटली ने क्या दिए जवाब
रामजेठमलानी-आपको पीएम ने वित्त मंत्री बने रहने दिया क्योंकि आपने ये भरोसा दिया था कि इन आरोपों पर आप न्यायिक कारवाई करेंगे?
अरुण जेटली- मैं इस बात को नकारता हूं।
रामजेठमलानी-क्या आप पत्रकार मधु किश्वर को जानते हैं? उन्होंने एक पत्र में लिखा था कि जेटली और उनके परिवार ने डीडीसीए से रुपया कंपनियों में भेजा है? इसके बाद सीताराम येचुरी ने भी ऐसा कहा। आपने उन पर मुकदमा क्यों नहीं किया।
अरुण जेटली- मैं ऐसा नहीं समझता। मुङो नहीं पता ये उन्होंने कब कहा।
रामजेठमलानी- ये दिसंबर 2015 का एक ट्विट है और केजरीवाल ने सिर्फ इसे रीट्विट किया था।
अरुण जेटली-अरविंद केजरीवाल ने गंभीर और दुर्भावनापूर्ण झूठ बोलने का काम किया कि मेरी पत्नी और बेटी के लिंक फर्जी कंपनियों से हैं। ये काफी निचले दर्जे का काम था। सार्वजनिक जीवन में रहने वाले लोगों के लिए सोशल मीडिया पर गैरजिम्मेदाराना बयान आते रहते हैं। जब कोई मुख्यमंत्री ऐसे बयानों को अपनाता है तो यह एक गंभीर अपराध हो जाता है क्योंकि फिर ये बयान सही माने जाते हैं। उसकी विश्वसनीयता बढ़ जाती है। बार-बार इन झूठे आरोपों को लगाने पर मैं कानूनी कारवाई को मजबूर हो गया।
रामजेठमलानी-आपकी केजरीवाल से कोई दुश्मनी नहीं है?
अरुण जेटली- मेरी कोई निजी दुश्मनी नहीं है लेकिन मुङो उनका नहीं पता, जबकि लोकसभा चुनाव में उन्होंने मेरे खिलाफ जमकर प्रचार किया।
रामजेठमलानी-क्या आप लोकसभा चुनाव एक लाख वोट से हारे थे। आपने पहली बार चुनाव लड़ा। क्या आप अपनी महान प्रतिष्ठा का टेस्ट ले रहे थे।
अरुण जेटली-चुनावों में कई फैक्टर होते हैं सिर्फ प्रत्याशी की प्रतिष्ठा का सवाल नहीं होता। याद रहे कि केजरीवाल भी 2014 में लोकसभा का चुनाव वाराणसी में 3.50 लाख वोटों से हारे थे।
राम जेठमलानी-इसकी क्या वजह है कि पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी ने आपके खिलाफ पीएम को गंभीर शिकायत की थी। क्या पीएम ने आपको ये शिकायत दिखाई। क्या आप (श्किायत दिखाते हुए) इसे पढ़कर बता सकते हैं कि इसमें क्या गलत लिखा है ?
अरुण जेटली- मैं दिल्ली जिला एवं क्रिकेट संघ (डीडीसीए) का अध्यक्ष था और बेदी को चीफ कोच बनाया गया था, लेकिन उनका कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बावजूद मैं नरमी दिखाता रहा। मैं शिकायत में लिखी बातों से इन्कार करता हूं। मैंने वित्त मंत्री या संसद सदस्य रहते वक्त कभी भी मंत्रालय या विभाग का सहारा नहीं लिया।
रामजेठमलानी-क्या आपके पास डीडीसीए की एग्जिक्यूटिव कमेटी के सदस्य के अधिकार थे?
अरुण जेटली-एकदम नहीं बता सकता, लेकिन मैंने कभी एग्जिक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
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यह है मामला
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिल्ली जिला एवं क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित घोटाले को लेकर झूठे आरोप लगाने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व आप नेता कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, राघव चड्डा और दीपक वाजपेयी के खिलाफ हाई कोर्ट में 10 करोड़ की मानहानि का मुकदमा किया था। इसके अलावा पटियाला हाउस कोर्ट में सभी पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा भी दर्ज किया गया है।