Coronavirus: लॉकडाउन के चलते भीषण गर्मी में सूखे पड़े है डीडीए के तरणताल
गर्मी से राहत पाने के लिए तरणताल की मस्ती बच्चों से लेकर बड़ों तक को लुभाती है लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते यमुनापार के तरणताल वीरान पड़े हैं।
नई दिल्ली (पुष्पेंद्र कुमार)। कोरोना महामारी के चलते लागू लॉकडाउन ने तरणताल की ठंडक पर भी ताला लगा दिया है। अनलॉक-एक में मिली छूट के बाद कुछ खेल गतिविधियां तो चालू हो गई है, लेकिन तैराकी की अनुमति नहीं मिली है। गर्मी से राहत पाने के लिए तरणताल की मस्ती बच्चों से लेकर बड़ों तक को लुभाती है, लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते यमुनापार के तरणताल वीरान पड़े हैं। ऐसे में यमुनापार के खेेल परिसर संचालकों को सरकार के आदेश जारी होने का इंतजार है।
लॉकडाउन के कारण लटका है ताला
यमुनापार में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के दो खेल परिसर में तरणताल बने हुए है, जिसमें डीडीए द्वारा समय-समय पर प्रतियोगिताएं कराई जाती रही हैं। लॉकडाउन के चलते चिल्ला खेल परिसर व यमुना स्पोर्ट कॉम्पलेक्स के तरणतालों पर ताला लटका पड़ा है। चिल्ला खेल परिसर के सचिव कर्नल वाइ एस राणा बताते हैं कि गर्मी के दिनों में तरणताल पर तैराकियों का मेला सा लगा रहता था, किसी भी समय भीड़ नहीं हटती थी। दिन का समय कब कट जाया करता था, कुछ पता ही नहीं चलता था। इस बार समय काटना भी मुश्किल हो रहा है।
बच्चों की रहती थी भीड़
लॉकडाउन के चलते तरणताल बंद है और सभी तैराक अपने घरों में कैद हैं। साथ ही कहा कि इन दिनों खिलाड़ियों के साथ छोटे बच्चों की भीड़ ज्यादा रहती थी। आस-पास की कॉलोनी में रहने वाले बच्चे अपने परिवार के सदस्यों के साथ तरणताल में तैराकी के लिए चले आते थे और खूब मस्ती करते थे, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से बच्चों को घरों में रहना पड़ रहा है। लेकिन अनलॉक-एक के चलते अब माहौल बदल रहा है, जैसे-जैसे हालात सुधरेंगे वैसे ही सरकार परिसर में तरणताल व जिम खोलने की अनुमति दे देगी।
लोगों ने कहा-
खेल परिसरों में सरकार अभी तरणताल न खोले तो अच्छा है। अगर तरणताल खुल भी गए तो लोग महामारी के डर से खुद भी तैराकी करने नहीं जाएंगे। तरणताल में कई तरह के लोग आते हैं, ऐसे में संक्रमण फैलने का भी खतरा हो सकता है।
ओम प्रकाश शर्मा, वसुंधरा एंक्लेव निवासी
तरणताल में एक साथ कई लोग पानी में उतरते है, और पानी को भी सप्ताह में एक बार बदला जाता है। परिसर भले ही पूरी सुरक्षा रखे, लेकिन कहीं न कहीं संक्रमण फैलने का डर लगा रहेगा।
सचिन कुमार, न्यू कोंडली निवासी