DDA Flats : पहले की समस्याओं को किया दूर तो हाथों-हाथ बिक गए पहले फेज के सभी फ्लैट्स
DDA Flats डीडीए की पखवाड़ा भर पूर्व ही लांच की गई आनलाइन आवासीय योजना है जिसके पहले फेज के सभी फ्लैट महज 15 दिनों में ही बिक गए। डीडीए को यह सभी फ्लैट बिकने से लगभग 196.90 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। खरीदारों की जिन शंका-आशंकाओं की अनदेखी करते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) पिछले आठ सालों से अपने सभी फ्लैट नहीं बेच पा रहा था, उन पर ध्यान देते ही पुराने फ्लैट भी हाथों-हाथ बिकने लगे हैं। इसका ताजा उदाहरण डीडीए की पखवाड़ा भर पूर्व ही लांच की गई आनलाइन आवासीय योजना है, जिसके पहले फेज के सभी फ्लैट महज 15 दिनों में ही बिक गए। डीडीए को यह सभी फ्लैट बिकने से लगभग 196.90 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है।
12 सितंबर को लांच की गई थी योजना
जानकारी के मुताबिक डीडीए ने 12 सितंबर को आनलाइन आवासीय योजना-2022 लांच की थी। पहले आओ, पहले पाओ आधार पर शुरू की गई इस योजना में नरेला उपनगरी में बने 8,530 फ्लैट शामिल किए गए। इनमें 5,850 फ्लैट एलआइजी जबकि 2,880 ईडब्ल्यूएस फ्लैट शामिल किए गए हैं। लेकिन, पहले चरण में पोर्टल पर 1,281 फ्लैट ही डाले गए- 509 एलआइजी और 772 ईडब्ल्यूएस। डीडीए के अनुसार फ्लैटों की बुकिंग पूरी तरह आनलाइन रखी गई। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि योजना में शामिल किए जा रहे सभी फ्लैट डीडीए की 2014, 2017, 2019 व 2021 की आवासीय योजनाओं में शामिल रहे हैं, जो आवंटियों द्वारा अलग अलग कारणों से लौटा दिए गए थे।
पहले की परेशानी को किया गया दूर
दरअसल, डीडीए द्वारा यह एलआइजी एवं ईडब्ल्यूएस फ्लैट नरेला में कई वर्ष पहले बनाए गए थे। लेकिन कई आवासीय योजनाओं में इन्हें शामिल करने के बावजूद डीडीए ने इन फ्लैटों को बेचने में नाकाम रहा। ऐसे में डीडीए के अध्यक्ष एवं उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पद संभालने के बाद इस मामले को गंभीरता से लिया। फीडबैक के आधार पर लोगों की तमाम शंकाओं को जाना, जिनमें स्वास्थ्य, परिवहन एवं सुरक्षा से जुड़े मसले प्रमुख थे।
फ्लैट बेचने के नियम में हुआ बदलाव
इसके बाद उन्होंने सर्वप्रथम फ्लैटों को बेचने के नियम में बदलाव किया। साथ ही इन फ्लैटों को पहले आओ पहले पाओ के तहत बेचने की योजना बनाई। इसके अलावा वहां पर परिवहन व्यवस्था, सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की बात कही। अगस्त माह में हुई बैठक में खरीदार की आमदनी के नियम में भी संशोधन किया। पहले तीन लाख रुपये खरीदार की वार्षिक आय एवं परिवार की वार्षिक आय दस लाख रुपये से ज्यादा नहीं होने का नियम था। उपराज्यपाल ने खरीदार के तीन लाख रुपये वार्षिक आय वाले नियम को खत्म कर दिया।
पुलिस चौकी और डिस्पेंसरी की सुविधा के कारण मिला फायदा
इसके अलावा उपराज्यपाल के आदेश पर अलग अलग शिफ्टों में डीटीसी की दो बसें नरेला से केंद्रीय सचिवालय के बीच चलती हैं। नरेला के विभिन्न सेक्टरों में 11 थाने बनाने के लिए पुलिस को जमीन दे दी गई है। एक चौकी और एक डिस्पेंसरी भी तत्काल शुरू कर दी गई है। इस सबका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला और पहले फेज के सभी फ्लैट बिक गए। अब सोमवार से इस योजना में दूसरे फेज के 1200 फ्लैट शामिल कर दिए जाएंगे।
दूसरे फेज में भी बेहतर रिजल्ट की उम्मीद
एलजी वीके सक्सेना की पहल और कोशिशों से खरीदारों की शंकाओं का समाधान निकला तो फ्लैट बिकने की अड़चनें भी खत्म हो गईं। यह एक सकारात्मक संकेत है कि 15 दिनों में ही पहले फेज में डाले गए सभी 1,281 फ्लैट बिक गए। अब हम सोमवार से इस योजना में दूसरे फेज के 1,200 फ्लैट और डाल रहे हैं। उम्मीद है कि यह सब भी जल्द ही निकल जाएंगे।
वी एस यादव, आवासीय आयुक्त, डीडीए