DCW ने ऑनर किलिंग का शिकार होने से युवती को बचाया, डर की वजह से पति अभी भी गायब
आयोग के सदस्य के मुताबिक युवती के परिवार के 50 से ज्यादा लोगों ने आयोग के ऑफिस का घेराव कर लिया और आयोग के सदस्यों को धमकाने लगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली महिला आयोग ने ट्वीटर के जरिए एक युवती को ऑनर किलिंग का शिकार होने से बचाया। आयोग के ट्विटर अकाउंट पर युवती ने ट्वीट कर सहायता मांगी थी। जिसके बाद आयोग के सदस्य ने युवती से संपर्क कर उसकी मदद की। आयोग के मुताबिक युवती की उम्र 20 वर्ष है। उसने 12 अगस्त को अपने मनमर्जी से मंदिर में विवाह किया था। युवती के परिवार को जब इस बात की जानकारी मिली तो परिवार वालों ने मिलने के बहाने युवती को वापस घर बुलाया। जहां पर उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की गई और फिर उसे नोएडा स्थित दादरी इलाके में ले गए जहां पर उसको जान से मारने की साजिश रची जा रही थी।
युवती किसी तरह वहां से भाग कर दिल्ली वापस आ गई। दिल्ली में वह पिछले तीन दिनों से छुप-छुप कर किसी तरह गुजारा कर रही है। आयोग की सदस्य फिरदौस खान ने युवती की कॉउंसलिंग की और तुरन्त कार्रवाई करते हुए उसे एक एक सुरक्षित शेल्टर होम में रखवाने की व्यवस्था करवाई। वहीं, युवती के लिखित बयान लेने के बाद परिवार वालों पर मुकदमा भी दर्ज करवाया गया है। आयोग के मुताबिक अभी युवती के पति से संपर्क नहीं हुआ क्योंकि वह भी डर की वजह से कहीं छुपा हुआ है। हालांकि आयोग की तरफ से दोनो पति-पत्नी की सुरक्षा के लिए सभी कानूनी मदद की जा रही है।
हाई कोर्ट में भी दर्ज दायर की याचिका
आयोग के सदस्य के मुताबिक युवती के परिवार के 50 से ज्यादा लोगों ने आयोग के ऑफिस का घेराव कर लिया और आयोग के सदस्यों को धमकाने लगे। जिसके बाद आयोग की तरफ से मामलें की जानकारी पुलिस को दी गई। आयोग के मुताबिक अभी युवती सुरक्षित जगह है और उसे हर संभव कानूनी सहायता मिल रही है। आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक युवती की सुरक्षा और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई के लिए हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की गई है।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि बड़े दुख की बात है कि 2020 के भारत में भी ऑनर किलिंग जैसा सामाजिक कलंक जीवित है। परिवार वाले अपने ही बच्चों की जान लेने को उतारू हो जाते हैं। आज के जमाने में सोशल मीडिया की जरूरत बहुत ज्यादा है। इस मामले में लड़की के पास न तो फोन था, ना ही वो अपना पता बता रही थी। हालांकि, आयोग के सदस्यों ने युवती की काउंसलिंग कर उसका डर मिटाते हुए उसकी सहायता करी है। युवती को कानूनी कार्रवाई से संबंधित हर मदद आयोग की तरफ से की जा रही है।
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