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हुमायूं के मकबरे में ढूंढी जाएगी दारा शिकोह की कब्र

पुरातत्वविद जमाल हसन ने बताया कि शाहजहांनामा में इस बात का जिक्र है कि दारा शिकोह को हथकड़ियों में जकड़कर हाथी पर घुमाया गया। उन्हें अपमानित किया गया।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 01 Feb 2020 09:31 PM (IST)Updated: Sat, 01 Feb 2020 09:31 PM (IST)
हुमायूं के मकबरे में ढूंढी जाएगी दारा शिकोह की कब्र
हुमायूं के मकबरे में ढूंढी जाएगी दारा शिकोह की कब्र

नई दिल्ली [वी.के.शुक्ला]। हुमायूं के मकबरे में दारा शिकोह की कब्र ढूंढी जाएगी। इसका पता लगाने के लिए केंद्रीय संस्कृति मंत्रलय ने चार दिन पहले एक कमेटी बनाई है। कमेटी में पद्मश्री आरएस बिष्ट, केएन दीक्षित, पद्मश्री डा. के .के . मुहम्मद, जमाल हसन, डॉ. बीआर मणि व बीएम पांडेय समेत कई अन्य पुरातत्वविद् और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से संबंधित पूर्व अधिकारी शामिल हैं। कमेटी तीन माह में अपनी रिपोर्ट देगी।

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दारा शिकोह को हथकड़ियों में जकड़कर हाथी पर घुमाया

पुरातत्वविद जमाल हसन ने बताया कि शाहजहांनामा में इस बात का जिक्र है कि दारा शिकोह को हथकड़ियों में जकड़कर हाथी पर घुमाया गया। उन्हें अपमानित किया गया। उसके बाद उनका हुमायूं के मकबरे में कत्ल कर यहीं दफना दिया गया। उन्होंने बताया कि कमेटी ने अपना काम शुरू कर दिया है। शुक्रवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल भी हुमायूं के मकबरा पहुंचे। उन्होंने उन कब्रों को देखा जो हुमायूं के मकबरे के बाहरी भाग में चबूतरे पर हैं। कब्र को ढूंढकर वहां पर अलग से सम्मान स्वरूप व्यवस्था की जाएगी।

कौन थे दारा शिकोह

दारा शिकोह का जन्म 1615 ई. को शाहजहां की प्रिय पत्नी मुमताज महल के गर्भ से हुआ था। दारा को 1633 में युवराज बनाया गया। 1645 में, 1647 में लाहौर और 1649 में वह गुजरात का शासक बने। 1653 में कंधार में हुई पराजय से दारा की प्रतिष्ठा को धक्का पहुंचा। फिर भी शाहजहां उन्हें उत्तराधिकारी के रूप में देखते थे, जो दारा के भाइयों को स्वीकार नहीं था। शाहजहां के बीमार पड़ने पर उनके भाई औरंगजेब और मुराद ने दारा को काफिर (धर्मद्रोही) घोषित कर दिया।

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