Delhi: जो कूड़ा घर गंदगी का पर्याय थे, अब बनेंगे प्रदूषण के खिलाफ जंग का हथियार
नरेंद्र चावला ने बताया कि हर वार्ड में दो से तीन डलाव हैं जो बंद हो गए हैं। प्रत्येक डलाव को ई-वाहनों के चार्जिग स्टेशन में तो तब्दील नहीं किया जा सकता इसलिए कुछ में सीएनजी स्टेशन बनाने की संभावना के साथ पुस्तकालय खोलने की भी योजना है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। राजधानी के जो डलाव घर गंदगी का पर्याय होते थे, आने वाले दिनों में अब प्रदूषण के खिलाफ जंग का हथियार बनेंगे। इसके लिए दक्षिणी निगम ने बंद हुए डलाव घरों के स्थान पर ई-वाहनों के लिए चार्जिग स्टेशन और सीएनजी स्टेशन खोलने का फैसला लिया है। हालांकि, अभी इसकी संभावना के लिए अध्ययन किया जा रहा है। अध्ययन में सकारात्मक परिणाम आने पर निगम इस योजना पर काम कर सकता है। दरअसल, राजधानी के तीनों नगर निगम का उद्देश्य दिल्ली को डलाव मुक्त बनाना है।
तीनों निगमों में करीब 1200 डलाव हैं। इसमें से 700 के करीब डलाव बंद हो चुके हैं। यहां आने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए निगम ने कॉम्पैक्टर मशीन लगाए हैं। इन कॉम्पैक्टर मशीनों में बहुत ज्यादा कूड़ा छोटे आकार में हो जाता है। साथ ही डलाव की तरह यहां पर कचरा इधर-उधर बिखरने का भी झंझट नहीं होता है इसलिए निगम ने इन डलाव को बंद कर दिया है।
दक्षिणी निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया फिलहाल ऐसी योजना की संभावना तलाशी जा रही है, जहां पर हम इन डलावों का उपयोग ई-वाहनों के चार्जिग स्टेशन के लिए कर लें। इससे शहर के प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आने वाला समय ई-वाहनों का होगा। ऐसे में वहां पर चार्जिग स्टेशन बनते हैं तो नागरिकों को तो सहूलियत मिलेगी ही बल्कि प्रदूषण कम करने में भी सहायता मिलेगी। हर पांच किलोमीटर पर चार्जिग स्टेशन बनाने का है लक्ष्य निगम के नेता सदन नरेंद्र चावला ने बताया कि ई-वाहनों के चार्जिग स्टेशन के लिए नीति भी बना ली गई है। बीते दिनों सदन से इस नीति को पारित भी किया गया था। इसके तहत निगम का लक्ष्य प्रति पांच किलोमीटर के दायरे में एक चार्जिग स्टेशन को स्थापित करना है। चार्जिग स्टेशन से निगम ने पांच करोड़ सालाना आय का लक्ष्य रखा है।
पुस्तकालय भी बनाने की घोषणा कर चुका है निगम
नरेंद्र चावला ने बताया कि हर वार्ड में दो से तीन डलाव हैं जो बंद हो गए हैं। प्रत्येक डलाव को ई-वाहनों के चार्जिग स्टेशन में तो तब्दील नहीं किया जा सकता इसलिए कुछ में सीएनजी स्टेशन बनाने की संभावना के साथ कुछ में नागरिकों के लिए पुस्तकालय खोलने की भी योजना है।
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