हिंदी के विभिन्न पहलुओं पर दिग्गज आज करेंगे चर्चा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद करेंगे उद्घाटन
दैनिक जागरण की अपनी भाषा के लिए चलाई जा रही मुहिम हिंदी हैं हम के अंतर्गत शुक्रवार को दिनभर हिंदी के दिग्गज चर्चा करेंगे।
नई दिल्ली, जेएनएन। दैनिक जागरण की अपनी भाषा के लिए चलाई जा रही मुहिम 'हिंदी हैं हम' के अंतर्गत शुक्रवार को दिनभर हिंदी के दिग्गज चर्चा करेंगे। नई दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित इस कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय करेंगे। इस कार्यक्रम में दैनिक जागरण की पचहत्तर साल की गौरवशाली यात्रा पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा है।
इस प्रदर्शनी में दैनिक जागरण की यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों को दिखाया जाएगा। उद्घाटन सत्र में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी हिंदी के भविष्य पर अपनी बात रखेंगे। रेडियो पर आज जिस तरह की हिंदी बोली जा रही है उसको लेकर रेडियो के उद्घोषकों के साथ एक संवाद सत्र का आयोजन किया गया है। इस सत्र में आकाशवाणी के उद्घोषक जैनेंद्र सिंह और रेडियो सिटी की दिव्या के साथ संवाद करेंगे युवा लेखक राहुल नील।
हिंदी को लेकर महात्मा गांधी बेहद संवेदनशील थे और उनका मानना था कि हिंदी में वह ताकत है कि जो पूरे देश को जोड़ सकती है। हिंदी और भारतीय भाषाओं को लेकर गांधी की क्या राय थी इसपर समाजशास्त्री प्रोफेसर आनंद कुमार और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष रामबहादुर राय के साथ वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी बात करेंगे।
हिंदी को लेकर जब बात होती है तो बहुधा उसको साहित्य तक सीमित कर दिया जाता है। भाषा को लेकर समाज और धर्म का क्या नजरिया होता है इसपर वरिष्ठ उपन्यासकार अब्दुल बिस्मिल्लाह, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सुधीश पचौरी और हंसराज कॉलेज, दिल्ली की प्राचार्य अपनी बात रखेंगी। इन लोगों से बात करेंगे चर्चित लेखक भगवानदास मोरवाल। कार्यक्रम का समापन होगा मशहूर गीतकार और विज्ञापन की दुनिया में अपनी रचनात्मकता से सार्थक हस्तक्षेप करने वाले प्रसून जोशी की बातचीत के साथ और सत्र का विषय होगा विज्ञापन की हिंदी।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सहयोग से आयोजित 'जागरण सान्निध्य' का यह कार्यक्रम दैनिक जागरण की मुहिम 'हिंदी हैं हम' का हिस्सा है। 'हिंदी हैं हम' के अंतर्गत 'जागरण सान्निध्य' के अलावा, हिंदी में मौलिक शोध को बढ़ावा देने के लिए 'जागरण ज्ञानवृत्ति', हिंदी प्रकाशन जगत में पारदर्शिता लाने के लिए 'जागरण हिंदी बेस्टसेलर' और हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं के बीच संवाद सेतु स्थापित करने के लिए 'जागरण वार्तालाप' का आयोजन करता है। इसके अलावा हिंदी में सृजनात्मक लेखन को मंच देने के लिए जागरण सृजन का आयोजन भी किया जाता है।