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Coronavirus: आभासी प्लेटफार्म पर ही लगती रहेगी संघ की दैनिक शाखा

देशभर में संघ की 60 हजार से अधिक प्रत्‍यक्ष दैनिक शाखाएं लगती हैं जो फिलहाल आभासी माध्‍यमों से संचालित हो रही हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 09:59 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 10:03 PM (IST)
Coronavirus: आभासी प्लेटफार्म पर ही लगती रहेगी संघ की दैनिक शाखा
Coronavirus: आभासी प्लेटफार्म पर ही लगती रहेगी संघ की दैनिक शाखा

नई दिल्‍ली (नेमिष हेमंत) अनलॉक-1 में भी राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की शाखा आभासी प्‍लेटफार्म पर लगती रहेगी। यह निर्णय देश में वैश्‍विक महामारी कोरोना की मौजूदा स्‍थिति के मद्देनजर लिया गया है। संघ के अनुसार कम से कम जून माह तक उसकी दैनिक शाखाएं और अन्‍य कार्यक्रम आभासी माध्‍यमों से ही होती रहेंगी।

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संघ और शाखा एक-दूसरे के पूरक

संघ और शाखा एक-दूसरे के पूरक हैं, जो इस वैश्‍विक महामारी कोरोना और उस कारण लॉकडाउन के हालात में आभासी प्‍लेटफार्म पर स्‍थानांतरित हुआ है। यहीं नहीं, संघ के शीर्ष नेतृत्‍व से लेकर प्रांत व जिला स्‍तर की बैठकें और कार्यक्रमों के लिए भी वीडियो कांफ्रेंसिग माध्‍यमों का सहारा लिया जा रहा है।

26 अप्रैल को फेसबुक और यूट्यूटब के माध्‍यम से दिया था संदेश

इतिहास में पहली बार था जब सर संघचालक मोहन भागवत ने बौद्धिक प्रबोधन भी आभासी मंच पर दिया। 26 अप्रैल को भागवत ने फेसबुक व यूट्यूब के माध्‍यम से कोरोना से लड़ते भारतीय समाज का न सिर्फ उत्‍साहवर्धन किया, बल्कि इस आपदा को अवसर में लेते हुए राष्‍ट्रनिर्माण का रास्‍ता बताया। यहां तक की हर वर्ष अप्रैल-मई माह में देशभर में लगने वाला 90 से अधिक संघ का शिक्षा वर्ग भी आयोजित नहीं हुआ।

मार्च में बेंगलुरू में आयोजित संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक भी ऐन वक्‍त पर कोरोना के कारण स्‍थगित करनी पड़ी। देशभर में संघ की 60 हजार से अधिक प्रत्‍यक्ष दैनिक शाखाएं लगती हैं, जो फिलहाल आभासी माध्‍यमों से संचालित हो रही हैं। 17 हजार से अधिक साप्‍ताहिक मिलन कार्यक्रम और 8000 से अधिक संघ मंडली भी वीडियो कांफ्रेंसिंग माध्‍यमों पर आ गई है।

20 जून के बाद लिया जाएगा फैसला

संघ के एक वरिष्‍ठ पदाधिकारी ने बताया कि कोरोना महामारी के प्रसार को देखते हुए जून माह तक दैनिक शाखाएं और अन्‍य प्रकार के मिलन, बैठक और प्रबोधन कार्यक्रम ऐहतियातन आभासी माध्‍यमों से चलते रहेंगे। 20 जून के बाद इसपर फैसला लिया जाएगा कि प्रत्यक्ष शाखाएं शुरू की जाए या नहीं। यह भी उस समय के हालात पर निर्भर करेगा। वैसे, लॉकडाउन में देशभर में लाखों स्‍वयंसेवकों द्वारा जरूरतमंदों के मदद का काम जोर-शोर से चला। अभी भी प्रवासी मजदूरों को राहत पहुंचाने का काम जारी है।


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