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Delhi Police Annual PC: लॉकडाउन में दोगुना हुआ साइबर अपराध, सबसे ज्यादा क्राइम के शिकार हुए डॉक्टर

साइबर अपराधी बार-बार लोगों को डराने के नए तरीके अपनाते रहे हैं। दिल्ली पुलिस को मिली शिकायतों को जांचने के बाद पता चलता है कि लोगों के वीडियो (विशेषकर यौन आचरण से संबंधित) द्वारा जबरन वसूली के मामले कई गुणा बढ़ गए हैं।

By Prateek KumarEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 06:33 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 06:56 PM (IST)
Delhi Police Annual PC: लॉकडाउन में दोगुना हुआ साइबर अपराध, सबसे ज्यादा क्राइम के शिकार हुए डॉक्टर
दिल्ली पुलिस की तरफ से 2020 की रिपोर्ट जारी। फोटो- ध्रुव कुमार

नई दिल्ली, सुशील गंभीर। दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी 2020 की रिपोर्ट में पता चला है कि लॉकडाउन में साइबर अपराध दोगुना हुए। इनमें सोशल मीडिया की हिस्सेदारी 24 फीसद रही। वहीं, बड़ी संख्या में डाॅॅक्टर साइबर ठगों का शिकार हुए। 20 अप्रैल से 20 जुलाई के बीच साइबर ठगी के सबसे ज्यादा केस दर्ज हुए। जब साइबर ठगों ने पुलिस को चुनौती दी तो जवाबी कार्रवाई में महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल से धरपकड़ की।

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साइबर अपराधी बार-बार लोगों को डराने के नए तरीके अपनाते रहे हैं। दिल्ली पुलिस को मिली शिकायतों को जांचने के बाद पता चलता है कि लोगों के वीडियो (विशेषकर यौन आचरण से संबंधित) द्वारा जबरन वसूली के मामले कई गुणा बढ़ गए हैं। इसके अलावा नकली पुरस्कार प्वाइंटस या कैश बैक का झांसा, फेसबुक, सर्च इंजन से कस्टमर केयर नंबर हेरफेर के साथ ही एयरलाइन टिकटों के रिफंड की आड़ में धोखाधड़ी की गई।

लॉकडाउन के दौरान सेनेटाइजर और मास्क को लेकर भी ऑनलाइन ठगी के कई मामले दर्ज हुए। जनवरी से मार्च तक जहां साइबर अपराध का आंकड़ा दो हजार था, वहीं, अप्रैल से जुलाई के बीच चार हजार से ज्यादा केस प्रतिमाह दर्ज हुए। पिछले साल कुल दर्ज साइबर ठगी के केस में ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी की हिस्सेदारी जहां 62 फीसद थी, वहीं सोशल मीडिया से संबंधित अपराध 24 फीसद रहे। इसके अलावा 14 फीसद अन्य तरह के अपराध हुए।

1300 पुलिस कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग

जब साइबर अपराधियों ने पुलिस की नाक में दम कर दिया, तो उच्च अधिकारियों को नई रणनीति बनानी पड़ी। जिला साइबर सेल और थानों में तैनात साइबर सेल के कर्मियों को विशेष ट्रेनिंग दी गई। उन्हें क्रिप्टो मुद्रा से धोखाधड़ी की जांच, अवैध काल सेंटर पकड़ने, यूपीआइ और क्यूआर कोड की जांच करने में दक्ष बनाया गया। इसके साथ सरकार की नकली वेबसाइट को पकड़ने में भी निपुण बनाया गया। आयुष्मान भारत और पीएम केयर फंड जैसी नकली वेबसाइट बनाकर ठगी करने वालों को दबोचा गया। साथ ही मेवात सिंडिकेट को तोड़ा गया। इससे अपराध में 53 फीसद गिरवाट दर्ज की गई।


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