दिल्ली में पेड़ों की कटाई का मामला, एनजीटी ने यथास्थिति बनाए रखने को कहा
सरोजनी नगर में 11000, नारौजी नगर में 1465, नेताजी नगर में 3033 और कस्तूरबा नगर में 520 पेड़ कटने हैं। रिडेवलपमेंट पर 32,835 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दक्षिणी दिल्ली में सात कॉलोनियों के रीडेवलपमेंट के लिए 16500 पेड़ों की कटाई मामले में बृहस्पतिवार को एनजीटी में सुनवाई हुई। एनजीटी ने पेड़ों की कटाई पर रोक जारी रखते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। साथ ही एनजीटी ने मामले में केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी), नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी), दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और एम्स को जवाब दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। एनजीटी अब 27 जुलाई को मामले में अगली सुनवाई करेगी।
इससे पहले 2 जुलाई को भी एनजीटी ने मामले में सुनवाई करते हुए पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के रोक वाले निर्णय को बरकरार रखते हुए एनजीटी ने आवासीय योजना के लिए नेशनल बिल्डिंग्स कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) द्वारा पेड़ काटे जाने के मामले में सरकारी एजेंसियों को नोटिस जारी किया था। एनजीटी ने पूर्व में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा पेड़ों की कटाई पर लगाई गई रोक को बरकरार रखा था।
16500 पेड़ काटने पर HC ने लगाई रोक, पूछा- क्या यह सब झेल सकती है दिल्ली
एनजीटी में इस मामले पर सुनवाई पिछले कुछ महीनों से चल रही है। एनजीटी ने पहले पेड़ काटने पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई थी। इसके बाद मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी। जनहित याचिका पर 25 जून को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि एनजीटी में मामले की सुनवाई तक रोक लगी रहेगी। वहीं, सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एनबीसीसी के पेड़ काटने पर सवाल उठाए थे। हाईकोर्ट ने कहा था कि आप आवास बनाने के लिए हजारों पेड़ काटना चाहते हैं और क्या दिल्ली ये सब झेल सकती है। जवाब में एनबीसीसी और पीडब्ल्यूडी ने आश्वासन दिया है कि वह चार जुलाई तक पेड़ों की कटाई नहीं करेंगे।
पांच साल में किया जाना है रीडेवलपमेंट
रिडेवलपमेंट के तहत 39 लाख वर्ग मीटर बिल्डअप एरिया में टाइप वन से लेकर टाइप फोर यूनिट का निर्माण किया जाना है। याचिका में बताया गया कि सरोजनी नगर से 11 हजार, नारौजी नगर से 1465, नेताजी नगर से 3033 और कस्तूरबा नगर से 520 पेड़ों को काटा जाना है, जबकि इस क्षेत्र में कुल 19 हजार 976 पेड़ हैं। रिडेवलपमेंट के नाम पर 32 हजार 835 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस कार्य को पांच वर्ष में पूरा किया जाना है।
दिल्ली में 9 लाख पेड़ों की कम है
वहीं, पेड़ काटने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले केके शर्मा का कहना है कि दक्षिण दिल्ली क्षेत्र में ही 20 हजार से ज्यादा पेड़ काटे जाएंगे। सीएजी रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में 9 लाख पेड़ों की कमी है। ऐसे में मैं उम्मीद करता हूं कि पेड़ों की कटाई पर रोक लगेगी।