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Waterlogging in Delhi: नालों की सफाई में बहे करोड़ों रुपये, नगर निगमों और एनडीएमसी के पास नहीं है खर्च का आंकड़ा

Waterlogging in Delhi लोग लगातार जलभराव की समस्या से परेशान हो रहे हैं। नगर निगमों और एनडीएमसी ने नालों पर कितने करोड़ खर्च कर दिए हैं इसके आंकड़े भी इनके पास नहीं है जबकि लोक निर्माण विभाग ने पिछले साल सफाई पर 37 करोड़ खर्च किए हैं।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 12 Sep 2021 08:42 AM (IST)Updated: Sun, 12 Sep 2021 08:47 AM (IST)
Waterlogging in Delhi: नालों की सफाई में बहे करोड़ों रुपये, नगर निगमों और एनडीएमसी के पास नहीं है खर्च का आंकड़ा
एम्स फ्लाईओवर के नीचे भरे पानी से गुजरते वाहन सवार।

नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। तीनों नगर निगम, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) व लोक निमार्ण विभाग द्वारा नालों की सफाई पर करोड़ों खर्च करने के बाद भी दिल्ली में जलभराव की समस्या दूर नहीं हुई है। लोग लगातार जलभराव की समस्या से परेशान हो रहे हैं। नगर निगमों और एनडीएमसी ने नालों पर कितने करोड़ खर्च कर दिए हैं, इसके आंकड़े भी इनके पास नहीं है, जबकि लोक निर्माण विभाग ने पिछले साल सफाई पर 37 करोड़ खर्च किए हैं। वहीं, इस साल के लिए 38 करोड़ का आवंटन किया है।

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स्थिति पर गौर करें तो जलभराव को लेकर दिल्ली में इस बार अधिक समस्या हुई है। पिछली बार जलभराव वाले 147 स्थान चिह्न्ति किए गए थे, जबकि इस साल कुछ नए प्वाइंट भी जुड़ गए हैं। पिछली बार तीनों नगर निगम, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, लोक निर्माण विभाग व सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग ने नालों की सफाई पर करोड़ों की राशि खर्च किए हैं। लोक निर्माण विभाग के पास 1259 किलोमीटर सड़कें हैं। इन सड़कों के दोनों ओर नाले हैं। विभाग नालों की सफाई मानसून के आने से पहले तो करता ही है, यह कार्य अब साल भर जारी रहता है।

दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक अभय वर्मा द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में लोक निर्माण विभाग ने बताया है कि पिछले साल 37 करोड़ की राशि नालों की सफाई पर खर्च की गई है। जबकि इस साल जारी किए गए टेंडर के तहत 38 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है। यह कार्य 16 कंपनियों को दिया गया है, जिसमें एक कंपनी को छोड़कर अन्य सभी का कार्य एक साल तक नालों की सफाई कार्य के लिए है। जबकि रिंग रोड व बाहरी रिंग रोड के दैनिक रखरखाव, सिविल कार्य, मरम्मत, इलेक्टिकल कार्य व उद्यान विभाग से संबंधित कार्य को डेढ़ साल के लिए दिया गया है। यह कार्य अगस्त 2020 से लेकर जनवरी 2022 तक के लिए दिया गया है।

हालांकि पीडब्ल्यूडी ने साफ किया है कि नालों की सफाई के कार्य के साथ-साथ नालों व संबंधित सड़कों की दैनिक स्तर पर मरम्मत, गड्ढों को भरा जाना भी इसमें शामिल है। लोक निर्माण विभाग की सड़कों पर हो रहे जलभराव को लेकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि विभाग की ओर से नाले पूरी तरह साफ किए गए हैं।

मगर जलभराव अत्यधिक बारिश के कारण हो रहा है। दिल्ली में बरसाती पानी की निकासी के लिए जो सिस्टम है, बारिश उससे तीन गुना अधिक हो रही है। इससे जलभराव की समस्या हो रही है। हालांकि सड़कों पर भरे पानी को जल्द से जल्द निकालने की भरसक कोशिश की जा रही है।


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