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बांग्‍लादेश में मिली मौत की सजा तो भाग कर आया भारत, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ ने खानपुर से पकड़ा

Delhi Crime बदमाश को दिल्‍ली के खानपुर इलाके से एक लोडेड पिस्‍टल के साथ गिफ्तार किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार उसे बांग्‍लादेश में करीब 2013 में किडनैपिंग और मर्डर के जुर्म में सजा-ए-मौत मिल चुकी थी।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 05:10 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 05:10 PM (IST)
बांग्‍लादेश में मिली मौत की सजा तो भाग कर आया भारत, क्राइम ब्रांच और एसटीएफ ने खानपुर  से पकड़ा
बदमाश को दिल्‍ली के खानपुर इलाके से एक लोडेड पिस्‍टल के साथ गिफ्तार किया गया है।

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। क्राइम ब्रांच ने बांग्लादेश में मोबाइल विक्रेता जहीदुल इस्लाम का अपहरण कर बेरहमी से हत्या कर देने के मामले में बांग्लादेश की कोर्ट द्वारा फांसी की सजा पाए सजायाफ्ता मासूम उर्फ सरवर को लोडेड कट्टा के साथ गिरफ्तार किया है। इस पर बांग्लादेश में एक लाख का रुपये का इनाम है। बांग्लादेश में इस पर कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके खिलाफ आर्म्‍स एक्ट व विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बांग्लादेश के दूतावास को इसके बारे में सूचना दे दी है। यह 2010 से अवैध रूप से भारत में छिपकर रहा था।

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एडिशनल पुलिस कमिश्नर शिबेश सिंह के मुताबिक मासूम उर्फ गांव बहल, जिला बगीर हाट, बांग्लादेश का रहने वाला है। इसके पास से कट्टा व दो कारतूस बरामद किए गए। 2005 में मासूम ने अपने साथी बच्चू, मोनीर, गफ्फार व जाकिर के साथ मिलकर बांग्लादेश के मध्य नलबुनिया बाजार में मोबाइल विक्रेता जहीदुल इस्लाम का अपहरण कर गला रेत कर बेरहमी से हत्या कर दी थी। घटना के अगले दिन बांग्लादेश पुलिस ने नलबुनिया के खाली मैदान से जहीदुल का शव बरामद कर लिया था।

कुछ दिनों बाद बांग्लादेश पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 2013 में बांग्लादेश की संबंधित कोर्ट ने मासूम को दोषी करार देकर फांसी की सजा सुनाइ थी। बांकी चारों आरोपितों को कोर्ट ने सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। ट्रायल के दौरान ही 2010 में मासूम को जमानत मिलने पर वह सरवर नाम के एक दलाल के जरिए भाग कर भारत आ गया था। सरवर भी उसके साथ दिल्ली आया था। बाद में सरवर ने मासूम को बेंगलूरू में कबाड़ के गोदाम में रखवा दिया था। उसी दौरान सरवर पत्नी को बेंगलुरू में छोड़ कर कुछ समय के लिए वापस बांग्लादेश गया था जो अबतक लौटकर नहीं आया।

पुलिस को शक है कि मासूम ने सरवर की हत्या कर दी हो। उसके बाद वह सरवर की पत्नी के साथ रहने लगा और अपना नाम उसी के नाम पर सरवर भी रख लिया। यहां तक कि इसने सरवर के सभी कारोबार को अपना बना लिया। बिजनेस में मुनाफा होने पर उसने कई वाहन भी खरीदे। यह पहले दिल्ली के सीमापुरी व संगम विहार में रह चुका है। जिससे इसके इन जगहों पर कई परिचित रहते हैं। मासूम इन लोगों के पास आता जाता रहता था। इसके खिलाफ कई राज्यों में हत्या, लूटपाट व डकैती के संगीन मामले दर्ज हैं।

25 दिसंबर को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली कि मासूम खालपुर टी पवाइंट पर आने वाला है। डीसीपी भीष्म ङ्क्षसह, एसीपी पंकज ङ्क्षसह व इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में एसआइ राजीव बरमाल, अशोक कुमार, एएसआइ विजय हुड्डा, विजय कुमार, वीर सिंह की टीम ने इसे दबोच लिया।

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