Move to Jagran APP

देशभर के छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत, नहीं लगाना होगा एन्वायरमेंटल डेटा डिस्प्ले बोर्ड

Environment Data Display Board बड़ी औद्योगिक इकाइयों के लिए यह बोर्ड लगाने और उसको सीपीसीबी के सर्वर से ऑनलाइन जोड़ने की अनिवार्यता बनी रहेगी।

By Edited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 10:06 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 11:33 AM (IST)
देशभर के छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत, नहीं लगाना होगा एन्वायरमेंटल डेटा डिस्प्ले बोर्ड
देशभर के छोटे उद्यमियों को बड़ी राहत, नहीं लगाना होगा एन्वायरमेंटल डेटा डिस्प्ले बोर्ड

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। Environment Data Display Board:  दिल्ली-एनसीआर ही नहीं, देश के किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्यमियों को अब एन्वायरमेंटल डेटा डिस्प्ले बोर्ड नहीं लगाना पड़ेगा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने इस बाबत लिखित आदेश निकालकर उन्हें इससे छूट दे दी है। हालांकि बड़ी औद्योगिक इकाइयों के लिए यह बोर्ड लगाने और उसको सीपीसीबी के सर्वर से ऑनलाइन जोड़ने की अनिवार्यता बनी रहेगी।

loksabha election banner

दिल्ली में 32 अधिकृत औद्योगिक क्षेत्र हैं और इनमें लघु, मध्यम एवं बड़े स्तर की करीब एक लाख औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। इनमें से करीब 10 हजार ऐसी इकाइयां हैं, जिनसे खतरनाक प्रदूषक तत्व निकलते हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने गत 16 मार्च 2020 को एक फरमान जारी कर ऐसे तमाम उद्यमियों के लिए एन्वायरमेंटल डेटा डिस्प्ले बोर्ड लगाना अनिवार्य कर दिया था।

बताया जा रहा है कि इस बोर्ड को लगाने का खर्च आठ से दस हजार है, लेकिन डीपीसीसी और सीपीसीबी के सर्वर से ऑनलाइन जोड़ने पर यह खर्च आठ से 10 लाख हो जाता है। डीपीसीसी के इस फरमान पर उद्यमियों में तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी। एक तो फरमान स्पष्ट नहीं था, दूसरे इसे लघु एवं मध्यम श्रेणी की इकाइयों पर आर्थिक बोझ डालने वाला बताया गया।

सीपीसीबी के बोर्ड सदस्य डॉ. अनिल गुप्ता ने इस मसले को प्रमुखता से उठाया और डीपीसीसी के आदेश की जांच पड़ताल कर इसे स्पष्ट करने पर भी जोर दिया। इसी के चलते सीपीसीबी ने अब डीपीसीसी के आदेश को खारिज करते हुए नया आदेश जारी किया है।

सभी प्रदूषक तत्वों की जानकारी देता है बोर्ड एन्वायरमेंटल डेटा डिस्प्ले बोर्ड

औद्योगिक इकाई के केंद्रीय निगरानी तंत्र से जुड़ा होता है। इस पर उस इकाई से निकलने वाले सभी प्रमुख खतरनाक प्रदूषण तत्वों का आंकड़ा डिस्प्ले होता है। साथ ही इकाई का तापमान और वहां की आ‌र्द्रता भी पता चलती रहती है। अगर यह बोर्ड डीपीसीसी और सीपीसीबी के सर्वर से ऑनलाइन जुड़ा रहेगा तो वहां के अधिकारी भी निगरानी रख सकेंगे।

डॉ. अनिल गुप्ता (बोर्ड सदस्य, सीपीसीबी) का कहना है कि लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों में एन्वायरमेंटल डेटा डिस्प्ले बोर्ड की खास जरूरत नहीं है। इसी वजह से इन्हें छूट दे दी गई है। बडे़ उद्योगों के लिए इसकी अनिवार्यता बरकरार है और उन्हें इसे लगवाना ही होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.