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1984 anti Sikh riots : सजा से बचने के लिए सज्जन कुमार ने चली नई चाल, CBI पर लगाया ये आरोप

सिख दंगा मामले की सुनवाई मंगलवार को अदालत में हुई। इस दौरान सज्जन कुमार के वकील की तरफ से कहा गया कि सीबीआइ ने गवाहों को प्रताड़ित किया है।

By Edited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 07:39 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 08:07 PM (IST)
1984 anti Sikh riots : सजा से बचने के लिए सज्जन कुमार ने चली नई चाल, CBI पर लगाया ये आरोप
1984 anti Sikh riots : सजा से बचने के लिए सज्जन कुमार ने चली नई चाल, CBI पर लगाया ये आरोप

नई दिल्ली, जेएनएन। वर्ष 1984 में सुल्तानपुरी क्षेत्र में हुए सिख दंगे और हत्याओं के एक मामले की सुनवाई मंगलवार को पटियाला हाउस की सत्र अदालत में हुई। इस दौरान सजायाफ्ता सज्जन कुमार के वकील की तरफ से अदालत में कहा गया कि सीबीआइ ने गवाहों को प्रताड़ित किया है। क्योंकि पुलिस को दिए बयान और सीबीआइ को दिए बयान में काफी अंतर है।

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पिछली सुनवाई पर सज्जन कुमार के खिलाफ गवाही देने वाले जोगिंद्र सिंह से मंगलवार को जिरह हुई। इस दौरान सज्जन कुमार के वकील ने पूछा कि पहले तो आपने कभी किसी आरोपित का नाम नहीं लिया और ना ही मृतक सुरजीत के बारे में कोई जिक्र किया? इस पर जोगिंद्र ने कहा कि उसने सभी का नाम लिया था। सज्जन कुमार का नाम भी लिया था और सुरजीत के बारे में भी पुलिस को सब कुछ बताया था। उसे नहीं पता है कि पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया था या नहीं।

सज्जन कुमार के वकील ने अदालत को बताया कि जोगिंद्र द्वारा पूर्व में पुलिस को दिए बयान के मुताबिक, कुछ लोग उसके घर में घुसे और सामान लूटकर चले गए। अब वह गलत बयान दे रहा है, क्योंकि सीबीआइ ने उसे प्रताड़ित किया है।

दरअसल पिछली सुनवाई पर गवाह जोगिंद्र सिंह ने आरोपित सज्जन कुमार को अदालत में पहचाना था। सिंह ने अदालत में कहा था कि दंगे में उनके भाई सुरजीत सिंह की हत्या कर दी गई थी और सज्जन कुमार भीड़ की अगुवाई कर रहा था। सज्जन कुमार उस भीड़ को दिशा-निर्देश दे रहा था, जो सिख समुदाय के लोगों को मार रही थी।

बता दें कि दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में हुए दंगे और हत्याओं के मामले की सुनवाई पहले कड़कड़डूमा अदालत में होती थी, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश पर केस पटियाला हाउस में भेज दिया गया था। इस मामले की पूरी सुनवाई के दौरान वीडियोग्राफी भी होती है। मामले में सज्जन कुमार के अलावा ब्रह्मानंद गुप्ता और वेद प्रकाश भी आरोपित हैं। जोगिंद्र सिंह से पहले महिला गवाह चाम कौर और शीला कौर भी आरोपितों को पहचान चुकी हैं। 

31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके सिख अंगरक्षकों ने कर दी थी। इस वारदात के अगले ही दिन दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। इन दंगों के कारण देश के कई राज्यों में हत्या और आगजनी जैसी कई वारदातें हुई थीं। इन दंगों में तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी, जिनमें बड़ी संख्या में मौतें दिल्ली में हुई थीं। सज्जन कुमार को दंगे और हत्याओं से जुड़े एक अन्य मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से उम्र कैद की सजा दी जा चुकी है।

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