Delhi Riots: पुलिस हिरासत के दौरान परिजनों से नही मिल पाएगा उमर खालिद, कोर्ट ने खारिज की याचिका
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद पुलिस हिरासत के दौरान परिजनों से मुलाकात नही कर पाएगा। कोर्ट ने उमर की याचिका को खारिज कर दिया है। उमर ने कोर्ट में याचिका दायर पर कहा था कि उसे परिजनों से मिलने दिया जाए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के दंगों में गिरफ्तार जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र उमर खालिद की याचिका को कड़कड़डूमा कोर्ट ने खारिज दिया। उमर ने पुलिस हिरासत के दौरान परिवार से मिलने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने कहा कि इस तरह की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता।
उमर के वकील ने कोर्ट से कहा कि जिस वक्त आरोपित को हिरासत में लिया जा रहा था, तब पुलिस ने मौखिक रूप से आश्वासन दिया गया था वह अपने परिवार से मिल सकता है। लेकिन बाद में अनुमति नही दी गई। उमर की हिरासत की अवधि लंबी है, इसलिए उसे परिवार से मिलने से नहीं रोका जा सकता।
पुलिस की ओर से पेश वकील ने कहा कि कोर्ट से मिली अनुमति के बाद उमर के वकील को रोजाना आधे घंटे उससे मिलने दिया जा रहा है। आगे कहा उमर पुलिस को जांच में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहा है, पुलिस रोज उससे दंगों के बारे में पूछताछ कर रही है। हिरासत के दौरान आरोपित का अपने परिवार से मिलना, जांच पर असर डाल सकता है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उमर को दंगों की साजिश रचने व आतंकवाद निरोधक कानून (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया था। 14 सितंबर को उसे कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे दस दिन की पुलिस हिरसात में भेज दिया था। सेल ने कोर्ट में कहा था कि उमर को 11 लाख दस्तावेजों से सामना करवाना है।
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