बेटी की हत्या करने वाले युवक को कोर्ट ने माना दोषी
न्यायाधीश ने कहा कि भले ही यह तर्क के लिए मान लिया जाए कि आरोपित को चिकित्सा उपचार की आवश्यकता है मामला कानूनी पागलपन के दायरे में नहीं आएगा।कहा कि उस व्यक्ति ने अपराध में इस्तेमाल किए गए चाकू को भी छिपा दिया था जो अप्रैल 2016 में हुआ था।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राउज एवेन्यू कोर्ट ने युवक के मानसिक रूप से बीमार होने के दावे को खारिज करते हुए एक शख्स को अपनी बेटी की हत्या और पत्नी की हत्या के प्रयास का दोषी करार दिया है। कोर्ट 20 जनवरी को दोषी को सजा सुनाएगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शिवाजी आनंद की कोर्ट ने कहा कि अपराध करने के बाद उस व्यक्ति ने पुलिस को फोन किया। इससे यह साबित होता है वह जानता था कि उसने कुछ गलत किया है।
कोर्ट ने कहा आरोपित को उपचार की जरूरत, लेकिन केस कानूनी पागलपन में नहीं
मामला वर्ष- 2016 का है। कोर्ट ने कहा कि भले ही यह तर्क के लिए मान लिया जाए कि आरोपित को चिकित्सीय उपचार की आवश्यकता है, इसके बावजूद मामला ''कानूनी पागलपन'' के दायरे में नहीं आएगा। उस व्यक्ति ने हत्या में इस्तेमाल चाकू को भी छिपा दिया था।
दरवाजा बंद कर पत्नी को भागने से रोका
वारदात से पहले भी उसने दरवाजा बंद रखा ताकि उसकी पत्नी भाग न सके। इस सबको देखते हुए इस मामले को कानूनी पागलपन का मामला नहीं कहा जा सकता है। पीड़िता पत्नी ने जांच अधिकारी को बताया था कि उसका पति उसके चरित्र पर शक करता था। इसलिए उसने यह वारदात की। उसने चाकू से दोनों पर हमला किया था। अभियुक्त की ओर से ''पागलपन'' की दलील देने वाले न्याय मित्र ने कोर्ट को बताया कि उसका बेटी व पत्नी की हत्या का इरादा नहीं था। यह पूरी घटना युवक के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने व अचानक उकसावे के कारण हुई। इस पर कोर्ट ने कहा कि इसे अचानक उकसावा इसलिए नहीं माना जा सकता क्योंकि उस वक्त उसकी बेटी व पत्नी सो रहे थे।