Mundka Fire News: 27 लोगों के लिए जानलेवा साबित हुआ दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों का भ्रष्टाचार
Mundka Fire News जांच में यह भी पता चला है कि वर्ष 2011 में इस इमारत के अवैध रूप से निर्माण के निर्माण के दौरान इसे दो बार अवैध निर्माण के लिए चिह्नित किया गया था लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
नई दिल्ली। पश्चिमी दिल्ली के मुंडका क्षेत्र में बहुमंजिला इमारत में लगी आग की घटना में 27 लोगों की मौत के मामले में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North Delhi Municipal Corporation) ने जांच पूरी कर ली है। इस जांच में चार अधिकारियों को दोषी पाया गया है, जिसमें से तीन को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक अन्य के खिलाफ विजिलेंस केस चलाया जाएगा।
वहीं, आग के भीषण हादसे को लेकर हुई इस जांच में एक अहम बिंदु यह सामने आया है कि वर्ष 2011 में जब इस इमारत का अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा था, तब इसे दो बार अवैध निर्माण के लिए चिह्नित किया गया था, लेकिन दोनों ही बार कार्रवाई के नाम पर लीपापोती कर इसे छोड़ दिया गया था।
इसका नतीजा यह हुआ कि यह इमारत चार मंजिल तक बन गई और विगत शुक्रवार का इसमें आग लगी तो 27 लोगों की जान चली गई। इसके लिए तत्कालीन जूनियर इंजीनियर को दोषी मानते हुए उसके खिलाफ विजिलेंस केस चलाने के आदेश दिए गए हैं।
ऐसे में प्रश्न यह उठता है कि आखिर दो बार चिह्नित किए जाने के बावजूद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ लीपापोती क्यों की गई? इस अवैध निर्माण को तभी ढहा क्यों नहीं दिया गया? जांच में सामने आई यह बात नगर निगम की कार्यप्रणाली को भी दर्शाती है और अधिकारियों-कर्मचारियों की मिलीभगत व साठगांठ की ओर भी इशारा करती है।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम की इसी मिलीभगत के कारण राजधानी में अवैध निर्माण और अतिक्रमण बढ़ता चला जा रहा है। मंगलवार को बाहरी दिल्ली के अशोक विहार इलाके में भी एक इमारत में आग लग गई। चार मंजिला इस इमारत में बैंक्वेट हाल चल रहा था, जहां आग में फंस जाने के चलते इसके मैनेजर की मौत हो गई।
आवश्यकता जहां इस बात की है कि नगर निगम अवैध रूप से संचालित की जा रही सभी औद्योगिक इकाइयों और अन्य कारोबार का पता लगाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। यह हर हाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भले इमारत में फायर एनओसी न हो, लेकिन उसमें आग से सुरक्षा के हर प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं।
नगर निगमों को अपनी कार्यप्रणाली में भी आमूलचूल सुधार करना चाहिए और अधिकारियों-कर्मचारियों के भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में ठोस प्रयास करना चाहिए, ताकि दिल्ली को भविष्य में ऐसे जानलेवा हादसों से दो-चार न होना पड़े।