दिल्ली के हजारों व्यापारियों की सुविधा के लिए निगम ने लांच की योजना, पढ़िए कितने दुकान मालिकों को होगा फायदा, जानिए अन्य डिटेल
1200 दुकानों के मालिकों को होगा लाभ। केंद्र के लैंड एंड डेवलपमेंट आफिस (एलएंडडीओ) की पट्टे पर ली गई दुकानों को फ्री-होल्ड कराने के लिए दक्षिणी निगम ने व्यापारियों के लिए राहत दी है। अब न केवल कम शुल्क में ये अवैध निर्माण नियमित हो पाएंगे।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। केंद्र के लैंड एंड डेवलपमेंट आफिस (एलएंडडीओ) की पट्टे पर ली गई दुकानों को फ्री-होल्ड कराने के लिए दक्षिणी निगम ने व्यापारियों के लिए राहत दी है। अब न केवल कम शुल्क में ये अवैध निर्माण नियमित हो पाएंगे, बल्कि जिन्होंने दो दुकानों को जोड़ लिया था, उन्हें भी नियमित कर दिया जाएगा। निगम ने व्यापारियों की सुविधा के लिए छह माह के लिए यह योजना लांच की है। इससे सीधे तौर पर 1,200 दुकान मालिकों को फायदा होगा। इससे वह अवैध निर्माण को नियमित कराकर सीलिंग और तोड़फोड़ की कार्रवाई से बच सकेंगे।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दक्षिणी निगम क्षेत्र में एलएंडडीओ से पट्टे पर आधारित करीब 1,200 दुकानें हैं। इसको फ्री होल्ड कराने के साथ इसमें नियमित किए जाने के लिए लोगों के लिए योजना शुरू की है जिसमें नागरिक पहले से कम दाम पर अवैध निर्माण को नियमित करा सकते हैं। उन्होंने बताया कि योजना केवल एक बार के लिए लागू होगा और छह माह में इसका फायदा लेने के लिए लोगों को आवेदन करन होगा।
अधिकारी ने बताया कि एलएंडडीओ की दुकानों में किसी ने दो दुकानों को जोड़कर एक बड़ी दुकान बना ली है तो किसी ने एक दुकान को दो हिस्सों में बांट लिया है। ऐसा करना नियमानुसार गलत होता है। इस पर सीलिंग से लेकर उसे तोड़ने तक का प्रविधान है, लेकिन ज्यादातर दुकानें लोगों के रोजगार से जुड़ी हैं। परिवार बढ़ने या जरूरत होने के कारण लोगों ने ऐसा किया है। इसको देखते हुए निगम की कार्रवाई से राहत देने के लिए यह योजना शुरू की गई है।
यह होगा शुल्क
निगम ने उन संपत्ति मालिकों के लिए एकमुश्त शुल्क निर्धारित किया है जिन्होंने दो दुकानों को जोड़कर एक बड़ी दुकान के रूप में तब्दील कर लिया है। ऐसी संपत्तियों के मालिक को 10 लाख रुपये एकमुश्त शुल्क देना होगा। वहीं, जिन्होंने एक दुकान में दो हिस्से कर लिए हैं, उन्हें पांच लाख रुपये का एकमुश्त नियमित शुल्क देना होगा। इतना ही नहीं, कन्वर्जन और क्षतिपूर्ति शुल्क भी कम कर दिया है। जहां पहले नागरिकों को सर्किल रेट, गुणा क्षेत्रफल, गुणा अवैध निर्माण का वर्ष और गुणा 10 प्रतिशत कन्वर्जन शुल्क देना पड़ता था, अब उन्हें केवल सर्किल रेट, क्षेत्रफल और कन्वर्जन शुल्क का 50 प्रतिशत ही देना होगा। इससे नागरिक पहले से कम दाम पर संपत्ति को नियमित करा सकेंगे।
70 करोड़ का राजस्व आने की उम्मीद
निगम को इस योजना से निगम के राजस्व में भी वृद्धि होगी, क्योंकि इससे करीब 70 करोड़ रुपये का राजस्व आने की उम्मीद है। अधिकारी के अनुसार यदि सभी लोग दुकान नियमित करा लेते हैं तो उनके ऊपर से कार्रवाई की तलवार हट जाएगी। वहीं, वह बिना भय और बिचौलियों के जाल में फंसे बगैर व्यापार कर सकेंगे।
अन्य जानकारियां
-1200 एलएंडडीओ की दुकानों के मालिकों को होगा लाभ
-70 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व आने की उम्मीद
-6 माह के लिए दक्षिणी निगम ने लागू की है योजना
-5 से 10 लाख रुपये रखा गया है एकमुश्त शुल्क